नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय (Narendra Modi Biography in Hindi), wiki, age, fmaily, marriege, birthday, Education, wife, Political Career, controversy, Achievements, Award, Net worth and more
इस आर्टिकल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय के बारे में बताया गया है। इसमें नरेंद्र मोदी की विकिपीडिया, उम्र, जन्म तिथि, शिक्षा, पत्नी, राजनीतिक करियर तथा कुल संपत्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
भारत की धरती सदियों से महान रहा है। इसी धरती पर भगवान राम, कृष्ण तथा बुद्ध जैसे महापुरुषों ने अवतार लिया तथा सभी ने अपने कर्मों से इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ा है। उन सबों का जीवन आज हमें प्रेरणा देती है। उनके आदर्शों पर चलकर आज भी लोग उनके जीवन के मूल्यों को अपनाना चाहते हैं तथा उनके उपदेशों को अपने जीवन के साथ आत्मसात करना चाहते हैं।
वर्षों पहले इसी धरती पर एक ऐसे व्यक्ति का जन्म हुआ जिन्होंने देश छवि को विश्व के पटल पर स्थापित किया तथा देश को एक अलग पहचान दिलाया। जी हां हम बात कर रहे हैं भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के बारे में।
Pm Modi एक ऐसी शख्सियत है जिन्हें न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है। एक और जहां दो कौड़ी के विधायक भी अपनी विधायकी का रौब झाड़ना नहीं छोड़ते वहीं तीन बार मुख्यमंत्री तथा दो बार प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनका स्वभाव एक आम इंसान की तरह है।
चलिए इस आर्टिकल के द्वारा मैं प्रधानमंत्री मोदी का संपूर्ण जीवन परिचय आप लोगों को बताऊंगा। साथ ही उनके जीवन से जुड़े ऐसे तमाम चीजें बताऊंगा जिन्हें आप जानना चाहते हैं। आप उनके जीवन से बहुत कुछ सीख सकते हैं, इसीलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
नरेंद्र मोदी कौन है? (About Narendra Modi)
Narendra Modi भारत गणराज्य के 14वें प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने वर्ष 2014 में पहली बार तथा वर्ष 2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले वे तीन बार गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक तथा बाद में बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में की। श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपेई तथा स्वामी विवेकानंद को वे अपना आदर्श मानते हैं। सादा जीवन तथा उच्च विचार वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज पूरा विश्व विकास पुरुष के नाम से जानते हैं।
उन्होंने देश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके कार्यकाल में भारत नित्य नए-नए ऊंचाइयों को छू रहा है। न्यू इंडिया का जो संकल्प उन्होंने लिया है उसे पूरा करने के लिए वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं। देश के लोगों को प्रधानमंत्री मोदी से काफी उम्मीदें हैं। उन्हें विश्वास है कि वे देश की जनता को उज्जवल भविष्य प्रदान करेंगे।
Narendra Modi Biography in Hindi
पूरा नाम | नरेंद्र दामोदरदास मोदी |
उपनाम | नरु, नमो |
नौकरी पेशा | राजनीति |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
जन्मतिथि | 17 सितंबर 1950 |
जन्म स्थान | वडनगर, गुजरात (वर्तमान) |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृह नगर | वडनगर गुजरात |
धर्म | हिंदू |
जाति | मोध (बनिया) |
पता | प्रधानमंत्री कार्यालय साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल नई दिल्ली -110011 |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
शैक्षणिक योग्यता | पॉलिटिकल साइंस में बीए तथा m.a. |
राशि | कन्या |
ऊंचाई | 5 फिट 7 इंच |
वजन | 74 किलोग्राम |
आंखों का रंग | काला |
बालों का रंग | सफेद |
मासिक वेतन | ₹1.6 लाख प्रतिमाह |
कुल संपत्ति | $0.4M |
नरेंद्र मोदी का जन्म एवं प्रारंभिक जीवन (Narendra Modi Birth & Early Life)
Narendra Modi : भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाना जिले के एक छोटे से शहर वडनगर में हुआ था। उनके पिता का नाम दामोदरदास मूलचंद मोदी है जो वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे।
अत्यंत गरीब और साधारण परिवार से होने के कारण वे पूरे परिवार का जीवन यापन बमुश्किल कर पाते थे। नरेंद्र मोदी के माता का नाम श्रीमती हीराबेन मोदी है। वे अपने जीवन में एक कुशल गृहणी रह चुकी है। उनके पिता के पास अनाज पीसने की एक चक्की भी थी।
परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा था। पिता ने अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए काफी संघर्ष किया। पिता के इस संघर्ष को उन्होंने काफी करीब से देखा।
इस स्थिति को देखते हुए नरेंद्र मोदी ने महज 7 वर्ष की उम्र में पिता और भाइयों का हाथ बटाने के लिए चाय बेचना शुरू किया। सुबह होते ही वे चाय की केतली लेकर रेलवे स्टेशन की ओर निकल पड़ते थे।
उन्होंने सड़कों और बस पड़ावों में भी चाय बेचा। फटी चप्पलों में चाय बेचकर जब वे आते थे तो पैर में पड़े छाले देखकर मां का कलेजा फट जाता था। मां हीराबेन उन्हें जाने के लिए मना करती थी लेकिन नरेंद्र मोदी नहीं मानते थे। बचपन में ही उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया। मजबूत इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प के धनी नरेंद्र मोदी का शुरुआती जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का परिवार (Narendra Modi Family)
माता के अलावा प्रधानमंत्री मोदी के 5 भाइ बहनों का पूरा परिवार है। उनके पिता की मृत्यु ह्रदय गति रुक जाने से हो गई थी। अपने 5 भाई बहनों में मोदी जी दूसरे नंबर पर आते हैं। बड़े भाई का नाम सोमा मोदी है। वे स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थे जो अब रिटायर हो चुके हैं।
अब वे सोशल वर्क करते हैं। उन्होंने अहमदाबाद में एक वृद्ध आश्रम खोला है जिसके द्वारा वे लोगों की मदद करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे भाई का नाम प्रहलाद मोदी है। वे नरेंद्र मोदी से 2 साल छोटे हैं। प्रहलाद मोदी एक किराने की दुकान चलाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे भाई का नाम अमृत मोदी है। वे एक प्राइवेट कंपनी में फिटर के पद पर काम करते थे। अब वे रिटायर हो चुके हैं। अपनी बाकी की जिंदगी वे अहमदाबाद के घाटलोदिया इलाके के 4 कमरों के मकान में जी रहे हैं।
हर जन्मदिन पर मां का आशीर्वाद लेने जाते हैं
प्रधानमंत्री मोदी के सबसे छोटे भाई का नाम पंकज भाई मोदी है। वे गांधी नगर में रहते हैं तथा सूचना विभाग से रिटायर्ड हो चुके हैं। मां हीराबेन, पंकज भाई मोदी के साथ ही रहती हैं। वे कहते हैं मैं इस मामले में सबसे खुशकिस्मत हूं। अपनी माताजी के वजह से कभी कबार उन्हें मोदी जी से भी मिलने का मौका मिल जाता है।
नरेंद्र मोदी की इकलौती बहन का नाम बसंतीबेन हसमुखलाल मोदी है। उनके पति का नाम हसमुखलाल मोदी है जो एलआईसी (LIC) में कार्यरत थे। नरेंद्र मोदी का पूरा परिवार आज भी गुमनामी की जिंदगी जी रहा है। अपनी व्यस्तताओं के कारण मोदी जी अपने परिवार से बहुत कम ही मिल पाते हैं।
लेकिन अपने जन्मदिन पर गृह नगर पहुंचकर मां का आशीर्वाद जरूर लेते हैं। इतने बड़े पद पर होते हुए भी उन्होंने अपने परिवार के लोगों को कभी लाभ पहुंचाने की कोशिश नहीं की। यहां तक कि वे अपने परिवार की तारीफ करते हुए कहते हैं कि- मेरे परिवार के सभी सदस्य साधारण जीवन जीते हैं फिर भी उन्होंने कभी मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश नहीं की।
नरेंद्र मोदी की शिक्षा (Narendra Modi Education)
Narendra Modi Education Qualification : नरेंद्र मोदी की प्रारंभिक शिक्षा मेहसाना, वडनगर, गुजरात से हुई। Modi ji बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। पढ़ाई लिखाई के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी उनकी काफी ज्यादा रूचि होती थी। स्कूलों में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में वे बढ़-चढ़कर भाग लेते थे।
कहा जाता है कि एक बार- नाट्य मंचन के बाद उन्हें जो उपहार स्वरूप पैसे मिले उन पैसों से उन्होंने अपने एक दलित मित्र के लिए स्कूल ड्रेस खरीदे थे। उनके मित्र के पास स्कूल ड्रेस के पैसे नहीं होने के कारण वे स्कूल नहीं आ पा रहे थे, तब बाल नरेंद्र ने उनकी मदद की थी।
स्वामी विवेकानंद द्वारा कही गई एक एक बात को उन्होंने बचपन से ही अपने जीवन में आत्मसात कर लिया था। उन्होंने अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा गुजरात बोर्ड से पास की। उन्होंने अपने स्नातक की डिग्री 1978 में दिल्ली विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा (Distance Education) के तहत ली।
जहां उन्होंने आर्ट (arts) से ग्रेजुएशन किया है। गुजरात यूनिवर्सिटी से वर्ष 1983 में उन्होंने राजनीति विज्ञान (Political Science) से M.A. किया है। हालांकि नरेंद्र मोदी डिग्री (Modi degree) पर हमेशा विवाद होते रहे हैं।
गुजरात विश्वविद्यालय में उनकी पर्याप्त उपस्थिति नहीं होने के कारण कई बार उन्हें शिक्षकों से डांट भी सुनना पड़ता था। नरेंद्र मोदी पढ़ाई (pm modi education) के अलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक के रूप में भी कार्य करते थे।
नरेंद्र मोदी : RSS प्रचारक के रूप में
लगातार तीन बार गुजरात में मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 26 मई 2014 को भारत के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। गुजरात मॉडल का सपना लेकर प्रधानमंत्री जब दिल्ली आए तब 125 करोड़ जनता की उम्मीदें उनके साथ थी।
वे पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ है। बचपन से ही मोदी जी (Modi ji) को संघ (RSS) से काफी लगाव था। 1967 में जब वह 17 साल के थे तब उन्होंने अहमदाबाद जाकर आरएसएस की सदस्यता ली। वहां से उन्होंने आरएसएस के प्रचारक के रूप में काम करना शुरू किया।
उन्होंने पूरे देश में घूम घूम कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रचार प्रसार करना शुरू किया। उन्होंने राजनीति में कदम तब रखा जब वे नवनिर्माण आंदोलन में शामिल हुए। 1974 में वे नवनिर्माण आंदोलन में शामिल होकर सक्रिय राजनीति में आए।
जब वे गुजरात के भाजपा इकाई में शामिल हुए
उस वक्त नरेंद्र मोदी की उम्र 24 वर्ष थी। इससे पहले वे संघ के प्रचारक के रूप में कार्य करते थे। संघ के प्रचारक के रूप में उनकी लगन और परिश्रम के बाद पहली बार गुजरात की भाजपा इकाई में वे शामिल हुए।
इसके बाद उन्हें 1988 में भारतीय जनता पार्टी गुजरात इकाई का महासचिव बनाया गया। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेताओं के साथ अयोध्या रथ यात्रा और सोमनाथ रथ यात्रा के दौरान अहम भूमिका अदा की।
मंदिर वहीं बनाएंगे की कसमें खाकर जिस रथ यात्रा का उन्होंने आगाज किया आज उन्हीं के कार्यकाल में भव्य मंदिर निर्माण कार्य चल रहा है। इस रथयात्रा के बाद भाजपा ने उन्हें अन्य कई राज्यों के प्रभारी बनाए।
वर्ष 1995 में नरेंद्र मोदी को भाजपा का राष्ट्रीय सचिव तथा 1998 में संगठन का महासचिव बनाया गया। 1995 में ही उन्हें पांच राज्यों का पार्टी प्रभारी भी बनाया गया।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में (Narendra Modi as Chief minister)
2001 का वह दौर जब गुजरात के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की तबीयत अचानक से खराब हो गई। उस दौरान भाजपा चुनाव में अपनी सीटें नहीं बचा पा रही थी। पार्टी को मजबूत रखना है तो मुख्यमंत्री का चेहरा होना भी आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष ने नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में देखा।
उन्हें सबसे पहले केशुभाई पटेल के जगह पर उप मुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई। लेकिन नरेंद्र मोदी ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि अगर जिम्मेदारी देनी है तो पूरी दीजिए अन्यथा मत दीजिए। उसके बाद उन्हें 3 अक्टूबर 2001 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया।
उन्हें यह जिम्मेदारी केशुभाई पटेल के जगह पर दिया गया। 7 अक्टूबर 2001 को उन्होंने अपना पहला कार्यकाल शुरू किया। उसके बाद राज्य की सारी जिम्मेदारी मोदी के ऊपर आ गई। जिसमें 2002 का चुनाव की जिम्मेदारी भी थी। नरेंद्र मोदी के ऊपर संकट की स्थिति तब आई जब सत्ता संभालने के 5 महीने बाद अत्यंत दुखद घटना घटी। यह घटना गुजरात के गोधरा में घटित हुआ।
गोधरा की घटना
यहां रेल हादसे में करीब 60 से अधिक हिंदू कारसेवक जलकर मर गए। कहा जाता है की मुसलमानों की भीड़ ने ट्रेन सहित 60 से अधिक कारसेवकों को जिंदा जला दिया था। इस कारण 2002 में मुसलमानों के खिलाफ दंगे भड़क उठे। इन दंगों में कई लोग मारे गए। इन दंगों का आरोप सीधे-सीधे मोदी पर लगे।
लोगों का मानना था कि उन्होंने अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन नहीं किया। पार्टी में उनके खिलाफ विरोध के स्वर गूंजने लगे। जब उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने की बात उठी तब शीर्ष नेताओं जैसे लाल कृष्ण आडवाणी तथा उनके खेमे के सारे नेताओं ने उनका समर्थन किया।
उसके बाद वे पद पर बने रहे। आरोप लगाने वालों ने मोदी को कोर्ट में भी खड़ा कर दिया। लेकिन राजनीति में उनकी पकड़ लगातार मजबूत होती गई। दंगों के कुछ ही महीनों बाद जब 2002 में विधानसभा चुनाव हुए तो मोदी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।
चुनाव में उन्हें उन्हीं इलाकों में सबसे ज्यादा फायदा हुआ जिन इलाकों में दंगे हुए थे। गुजरात का उन्होंने इस तरह कायाकल्प कर दिया कि उसके बाद 2007 तथा 2012 का विधानसभा चुनाव को उन्होंने विकास के आधार पर जीत दर्ज की।
भारत के प्रधानमंत्री के रूप में (Narendra Modi as Prime Minister)
2014 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 13 सितंबर 2013 को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। इस संसदीय बोर्ड में आगामी लोकसभा चुनाव 2014 के लिए मंथन शुरू हुआ। संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया।
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित होने के बाद नरेंद्र मोदी ने पूरे देश का भ्रमण किया। पूरब से लेकर पश्चिम तक तथा उत्तर से लेकर दक्षिण तक कहीं ऐसी जगह नहीं थी जहां पर उन्होंने रैली नहीं किया। इस दौरान उन्होंने लगभग 3 लाख किलोमीटर तक की यात्रा की जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। प्रधानमंत्री मोदी ने कूल 5827 कार्यक्रम किए थे।
अबकी बार मोदी सरकार
अबकी बार मोदी सरकार का नारा देकर उन्होंने हर घर में अपनी पहचान बना ली। चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने दो निर्वाचन क्षेत्रों चुनाव किया। जिसमें पहला वाराणसी तथा दूसरा बड़ोदरा था। इस चुनाव में उन्हें दोनों सीटों से अभूतपूर्व विजय प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लड़े गए चुनाव में भाजपा को काफी फायदा हुआ।
इसके बाद सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को भाजपा संसदीय दल का नेता के साथ-साथ एनडीए का भी नेता चुन लिया गया। 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी ने प्रधान मंत्री पद की शपथ ली। भाजपा ने 282 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। इस सरकार में उन्होंने अपने सहयोगियों का भी काफी ख्याल रखा।
वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ही लड़ा गया था। इसमें भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा ऐतिहासिक जीत हासिल की। इस चुनाव में भाजपा ने 303 सीटें जीतकर पुनः पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।
2001 से, पहले मुख्यमंत्री उसके बाद प्रधानमंत्री पद के रूप में नरेंद्र मोदी कार्यरत है। वह स्वतंत्र भारत के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने 13 साल मुख्यमंत्री और 7 साल प्रधानमंत्री के पद पर कार्यरत रहे।
नरेंद्र मोदी की उपलब्धियां (Narendra Modi Government Achievements)
प्रधानमंत्री Narendra Modi का 71वां जन्मदिन (Birthday) आने वाले 17 सितंबर को मनाया जाएगा। वे पहले ऐसे गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आए।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल का हाल ही में 2 साल पूरे किए। अपने 7 साल के कार्यकाल में उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की जो जनता से सीधे तौर पर जुड़ी थी। आज हम पिछले 7 सालों का प्रधानमंत्री मोदी की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में बात करेंगे।
GOODS AND SERVICE TAX (GST)
The Goods And Service Tax (GST) : यह कर व्यवस्था 17 साल से कांग्रेस के कार्यकाल में विचाराधीन थी। 2017 के मोदी कार्यकाल में कर व्यवस्थाओं में सुधार करके जीएसटी को लाया गया। इससे पहले उपभोक्ताओं को 17 तरह के अलग-अलग टैक्स को अप्रत्यक्ष कर के रूप में चुकाने पड़ते थे।
इस कर व्यवस्था के बाद सभी प्रकार के टैक्स को मिलाकर एक ही टैक्स में जोड़ा गया जिसे जीएसटी नाम दिया गया। इससे लोगों को काफी सुविधा हुई। इस बिल को पारित करने के लिए 2017 में पार्लियामेंट का स्पेशल सेशन बुलाया गया था। यह उपलब्धि मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
INSOLVENCY AND BANKRUPTCY CODE
व्यवसाय में जब लोग असफल हो जाते हैं तो इसका खामियाजा बैंक को भुगतना पड़ता था। बैंकों से ऋण लेकर व्यवसाय करने और व्यवसाय में असफल होने की स्थिति में ऋण न चुकाने की स्थिति को दिवाला अथवा दिवालियापन कहा जाता है। यह लंबे समय से अर्थव्यवस्था और विकास के क्षेत्र में एक समस्या के रूप में देखा जाता रहा है।
मोदी की सरकार ने वर्ष 2016 में इंसॉल्वेंसी एंड बंकृप्सी कोड (IBC) बनाया था। इनके कुछ त्रुटियों को बाद में संशोधित किया गया ताकि इसे और मजबूत बनाया जा सके। यह 70 सालों की पुरानी समस्या से निपटने का एक कारगर कानून साबित हुआ। इसके बाद बैंकों ने उन ऋणों की वसूली शुरू कर दी जिन्होंने इसका समय पर भुगतान नहीं किया अथवा जिन्हें अपूरणीय मानी जाती थी।
स्वच्छ भारत मिशन
प्रधानमंत्री मोदी ने देश को स्वच्छ रखने का संकल्प लाल किला के प्राचीर से जनता को संबोधित करते हुए लिया। इसमें जनता को कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए आग्रह किया गया। जनता ने उनके इस अभियान को एक नया आयाम दिया।
वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सफलता पूर्वक यह बताया कि स्वच्छता का उनके स्वास्थ्य की स्थिति और आर्थिक कल्याण के लिए कितना महत्वपूर्ण है। वे स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर में बनाए गए शौचालय का जिक्र करते हुए कहते हैं कि इससे हमारी आधी आबादी को काफी फायदा मिला है।
खासकर इससे महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया था। इस अभियान के कारण आगामी चुनाव में उन्हें अधिक बहुमत के साथ पुनः सत्ता में आने का सौभाग्य मिला।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (CLEANER, HEALTHIER KITCHEN)
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत देश के गरीब लोगों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई। Narendra Modi ने गरीबी को करीब से देखा था। उनकी मां जब लकड़ियों से खाना बनाती थी।
धुआं उनकी आंखों में आने से उनके आंसू निकलने लगते थे। वे कहते हैं- मां की हालत देखकर उस वक्त हमें काफी पीड़ा होती थी। देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद महिलाओं की समस्या को देखते हुए उन्होंने मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने का ऐलान किया।
इसके तहत गांवों में प्रति परिवार को एलपीजी का मुफ्त कनेक्शन दिया गया। यह योजना इतनी लोकप्रिय साबित हुई कि पिछले 7 सालों में करीब 15 करोड़ लोगों तक इसका लाभ पहुंच चुका है। यह योजना प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जाता है।
राजनीतिक उपलब्धियां (POLITICAL ACCOMPLISHMENTS)
मोदी सरकार के इन 7 साल के कार्यकाल में उनके अपने राजनीतिक एजेंडे भी शामिल थे। जिनमें राम मंदिर निर्माण, CAA, धारा 370 तथा ट्रिपल तलाक था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद PM Modi ने राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन समारोह का नेतृत्व किया तथा राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त किया।
ट्रिपल तलाक को समाप्त कर मुस्लिम माताओं एवं बहनों को अधिकार दिया। धारा 370 को जम्मू कश्मीर से उखाड़ फेंका। यह उनके कार्यकाल का सबसे साहसिक फैसले थे। जिसके लिए उन्हें विरोध का सामना बॉर्डर के उस पार तथा इस पर दोनों तरफ से करना पड़ा।
CAA तथा NRC के कारण उनके खिलाफ काफी आंदोलन हुए। यह उनके लिए बड़ा चैलेंज था। उनके एजेंडे में समान नागरिक संहिता तथा जनसंख्या नियंत्रण कानून महत्वपूर्ण है। इसे आने वाले 3 वर्षों में शायद पूरा कर लिया जाएगा।
कोरोना वायरस महामारी (CoVid19)
कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को जकड़ लिया था। जिसमें भारत सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। भारत आज भी कोरोना से संघर्ष कर रहा है। यहां कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा हॉटस्पॉट मिले। यह महामारी उन क्षेत्रों में ज्यादा फैल रही है जहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं है।
कोविड-19 के कारण भारत में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई। इसमें मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने तीसरी लहर की चेतावनी दे दी है। प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों को कोरोना नियमों को पालन करने के लिए कहा है। फिलहाल यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है।
डूबती अर्थव्यवस्था (SAGGING ECONOMY)
अच्छे दिनों का वादा करके मोदी सरकार 2014 में सत्ता में आई। हालांकि लगातार 2 सालों तक जीडीपी में काफी उछाल देखने को मिले। लेकिन पिछले 2 सालों में देश भयंकर मंदी का सामना कर रहा है। जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव में चली गई है। कोविड-19 के कारण देश में आर्थिक मंदी है। सरकार को स्वस्थ और सामाजिक कल्याण के लिए धन की आवश्यकता है।
यह पैसा केवल राजस्व या व्यवसायियों द्वारा आ सकता है। कोविड-19 के कारण सभी संस्थान तथा बाजार बंद है जिसके कारण सरकार को राजस्व की हानि हो रही है। इसे ताकत देने के लिए सरकार ने सभी व्यवसाय तथा संस्थानों को खोलने का निर्णय लिया।
इसके अलावा कई प्रकार के आर्थिक पैकेज का ऐलान भी किया गया। लोगों को काम करने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए व्यवसाय चलाने की जरूरत है। लोगों को घर पर ही रहकर अपनी जीविका चलाने की सलाह दी गई है ताकि कोविड-19 की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।
नौकरियां और व्यवसाय (JOBS AND BUSINESS)
रोजगार सृजन के मामले में मोदी सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। देश का हर युवा को सरकार से काफी उम्मीदें हैं। सरकार ने इसके लिए स्टार्टअप इंडिया तथा स्टैंड अप इंडिया के तहत रोजगार के कई अवसर प्रदान किए हैं।
मेक इन इंडिया प्रोग्राम के द्वारा नए एंटरप्रेन्योर को मौका दिया जा रहा है। व्यवसाय के लिए लोगों को सरकार प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के द्वारा ऋण उपलब्ध करा रहे हैं। इससे लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इसके अलावा सरकारी क्षेत्रों जैसे रेलवे, बैंक, एसएससी इत्यादि में बड़े पैमाने पर भर्ती निकालने की योजना बनाई जा रही है।
कोविड-19 के बाद लॉकडाउन के परिणाम स्वरूप बेरोजगारी की स्थिति और खराब हो रही है। यह मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बना हुआ है क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था ही नहीं बल्कि उनकी राजनीति भी प्रभावित हो रही है।
पाकिस्तान और चाइना (PAKISTAN and CHINA)
2014 के बाद पाकिस्तान अपनी औकात पर आ चुका है। पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सर्जिकल स्ट्राइक तथा एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की स्थिति काफी खराब है। चीन भारत के लिए हमेशा सिरदर्द बना रहा। सीमावर्ती क्षेत्रों में पहले इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप करना सबसे बड़ी चुनौती मानी जाती थी।
लेकिन मोदी सरकार ने पिछले 7 सालों में चीन से लगी सीमा को काफी सुरक्षित कर दिया है। मोदी की सरकार ने वहां नई-नई इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे पुल बख्तरबंद गाड़ियों को तुरंत बॉर्डर एरिया में पहुंचाने के लिए लंबी सड़कें इत्यादि बनाना शुरू कर दिया।
इसके अलावा सेना को बुलेट प्रूफ जैकेट, हैवी आर्टिलरी गन तथा उनके जरूरत के सामान मुहैया करवाया। जिससे चीन को उसकी औकात दिखाया जा सके। गलवान झड़प के बाद चीन ने अपने आप को पीछे कर लिया। शायद उनको भारत के सेना की ताकत का अंदाजा लग चुका था।
घरेलू राजनीति (DOMESTIC POLITICS)
Narendra Modi भाजपा के लिए किसी संकटमोचक से कम नहीं है। पार्टी की डूबती नैया को इन्होंने कई बार बचाने का काम किया है। चाहे बिहार विधानसभा का चुनाव अथवा उत्तर प्रदेश के विधानसभा का चुनाव। लोग उनकी साफ-सुथरी छवि और विकास कार्यों को देखकर ही उनकी सरकार चुनती है।
आने वाले उत्तर प्रदेश के चुनाव यह तय करेगी कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। क्योंकि सत्ता के द्वार उत्तर प्रदेश से ही खुलते हैं। प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के शीर्ष नेता है। कभी-कभी यह भी आरोप लगते हैं कि यह पार्टी सिर्फ दो ही लोगों की पार्टी है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के दिनों में काफी जगह बना लिया है। लोग उन्हें पसंद करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी को मिले अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार (Narendra Modi award)
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने कई ऐसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड जीते हैं जिनसे देश को पूरी दुनिया में सम्मान मिला है। मोदी के जीवन में कई ऐसे उपलब्धियां है जिनसे भारत का मान बढ़ा है।
देश का प्रधानमंत्री होने के कारण उनकी उपलब्धियां देश के हर व्यक्ति को गौरव का अनुभव करवाती है। वह पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें विदेशों में कई पुरस्कारों और उपलब्धियों से नवाजा गया है। आइए इन सभी पुरस्कारों तथा उनके महत्व को एक-एक करके जानते हैं।
ऑर्डर ऑफ अब्दुल अजीज अल सऊद
यह अवार्ड 3 अप्रैल 2016 को सऊदी अरब द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया था। यह सऊदी अरब का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जिसे गैर मुस्लिम को दिया जाता है। इस पुरस्कार का नाम आधुनिक सऊदी अरब की नींव रखने वाले शासक अब्दुल अजीज अल सऊद के नाम पर रखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को भी यह पुरस्कार मिल चुका है।
स्टेट ऑर्डर ऑफ गाज़ी आमिर अमानतुल्लाह खान
यह पुरस्कार 4 जून 2016 को अफगानिस्तान द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया था। स्टेट ऑर्डर ऑफ गाज़ी अमीर अमानतुल्लाह खान अफगानिस्तान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार अफगान भारत मैत्री बांध के उद्घाटन के बाद अफगान दौरे के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया गया था।
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय नायक राजा अमानतुल्लाह खान गाजी के नाम पर इस पुरस्कार का नाम रखा गया था। इस सम्मान को पाने वाले प्रधानमंत्री मोदी आठवें राष्ट्राध्यक्ष है। इसके पहले जॉर्ज बुश, जोको विडोडो और नाटो जनरल जेम्स जोंस को यह पुरस्कार मिल चुका है।
ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ पलेस्टाइन अवार्ड
यह पुरस्कार 10 फरवरी 2018 को फिलिस्तीन द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया था। यह फिलिस्तीन द्वारा विदेशी मेहमानों और राष्ट्र अध्यक्षों को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी इस पुरस्कार को पाने वाले चौथी व्यक्ति है।
उससे पहले सऊदी अरब के किंग सलमान बहरीन के किंग हमद और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को इससे सम्मानित किया जा चुका है।
ऑर्डर ऑफ जायद
यह पुरस्कार 24 अगस्त 2019 को संयुक्त अरब अमीरात द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया था। यह संयुक्त अरब अमीरात का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान पाने वाले मोदी भारत के सबसे पहले व्यक्ति हैं। इससे पहले दुनिया के 17 ताकतवर लोगों को या पुरस्कार दिया जा चुका है। जिसमें प्रमुख है रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन था महारानी एलिजाबेथ 2.
सेंट एंड्रयू पुरस्कार
यह पुरस्कार 12 अप्रैल 2019 को रूस द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया था। यह रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी भारत के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें इस सम्मान से नवाजा गया। इस सम्मान के द्वारा भारत और रूस के रिश्ते और मजबूत हुए।
निशान इज्जुद्दीन
यह पुरस्कार 8 जून 2019 को मालदीव द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया था। यह पुरस्कार मालदीव का सर्वोच्च पुरस्कार है जिसे विदेशी मेहमानों और राष्ट्र अध्यक्षों को दिया जाता है। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले मोदी दुनिया के सातवें व्यक्ति हैं।
चैंपियन ऑफ द अर्थ
यह पुरस्कार यूनाइटेड नेशंस में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी को 14 अक्टूबर 2018 को दिया गया था। पर्यावरण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने के कारण इस पुरस्कार को प्रतिवर्ष किसी एक व्यक्ति को दिया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ इसके लिए प्रतिवर्ष किसी एक व्यक्ति को चयन करता है जिसे यह पुरस्कार दिया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य के लिए यह पुरस्कार मिला।
सियोल शांति पुरस्कार
यह पुरस्कार 22 फरवरी 2019 को दक्षिण कोरिया द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया था। यह पुरस्कार भारतीय समाज को आर्थिक और समाजिक अंतर को कम करने के लिए मोदी द्वारा किए गए सराहनीय कार्य को देखते हुए दिया गया था।
यह पुरस्कार भारत को पहली बार प्राप्त हुआ। प्रधानमंत्री मोदी विश्व के 14वें व्यक्ति हैं जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ। चुने गए 150 लोगों में प्रधानमंत्री मोदी को “द परफेक्ट कैंडिडेट फॉर 2018 सियोल पीस प्राइज” कहा गया था।
फिलिप कोटलर प्रेसीडेंशियल अवॉर्ड
यह अवार्ड 14 जनवरी 2019 को अमेरिका द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया था। इस पुरस्कार का नाम अमेरिका की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में मार्केटिंग के विश्व प्रसिद्ध, प्रोफेसर फिलिप कोटलर के नाम पर रखा गया था। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष देश के सबसे लोकप्रिय नेता को दिया जाता है। प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार दिल्ली में दिया गया था।
द किंग हमद ऑर्डर ऑफ द रेनेसा
यह अवार्ड 25 अगस्त 2019 को बहरीन के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया था। यह बहरीन का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। प्रधानमंत्री मोदी को बहरीन के शाह हमद बिन ईसा अल खलीफा ने इस सम्मान से नवाजा। भारत और बहरीन के रिश्ते में मजबूती के लिए यह पुरस्कार दिया गया था।
इसके अलावा भी प्रधानमंत्री मोदी को कई पुरस्कारों और उपलब्धियों से नवाजा गया।
- मार्च 2012, मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पूर्व टाइम्स मैगजीन ने एशिया एडिशन में उन्हें कवर पेज पर जगह दी।
- 2014 तथा 16 में वे इसी टाइम मैगजीन की रीडर्स पोल में पर्सन ऑफ द ईयर द्वारा सम्मानित हुए।
- 2015 में फॉर्च्यून मैगजीन द्वारा प्रकाशित विश्व के महान नेताओं में पांचवें नंबर पर प्रधानमंत्री मोदी को रखा।
- जुलाई 2018 में मोदी ट्विटर पर तीसरे सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले व्यक्ति बने।
- फॉर्ब्स मैगजीन ने 2014 में प्रधानमंत्री मोदी को दुनिया का 15वां सबसे शक्तिशाली व्यक्ति में शामिल किया। पुनः 2015-16 और 18 मैं उसी मैगजीन में प्रधानमंत्री मोदी को 9वां सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बताया।
- प्रधानमंत्री मोदी की उपलब्धियों और लोकप्रियता को देखते हुए वर्ष 2016 में लंदन में मौजूद मैडम तुसाद वैक्स म्यूजियम में उनका मोम का पुतला लगाया गया।
नरेंद्र मोदी की कुल संपत्ति (Narendra Modi Net Worth)
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी कुल संपत्ति (Modi net worth) 2.5 करोड रुपए एफिडेविट में बताया था। इसके अलावा उन्होंने गुजरात के गांधीनगर में एक रेजिडेंशियल प्लॉट की का भी जिक्र किया था। इस संपत्ति में से 1.27 करोड़ रुपए डिपॉजिट तथा ₹38750 नगद दिखाया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी का मासिक वेतन (Narendra Modi Salary) 1.6 लाख रुपए है। साल 2021 में उनकी कुल संपत्ति लगभग $0.4 M है जो भारतीय रुपयों में करीब 2.85 करोड़ रुपए होगा। प्रधानमंत्री मोदी अपनी वेतन का अधिकतर भाग गरीबों में दान करते हैं।
नरेंद्र मोदी का विवाह (Narendra Modi Wife)
नरेंद्र मोदी की पत्नी का नाम जशोदाबेन मोदी है। जब Jashodaben की उम्र 3 वर्ष की थी, तभी उनकी सगाई नरेंद्र दामोदरदास मोदी से हो गई। उस वक्त वे एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई कर रही थी। सगाई के बाद उन्होंने अपने पढ़ाई को जारी रखा।
उसके बाद वर्ष 1968 जब जशोदाबेन 15 साल की थी तथा नरेंद्र मोदी 17 साल के थे, तब गुजरात के उंझा के नजदीक ब्रह्मणवाड़ा गांव में उनका विवाह हुआ था। ब्रह्मणवाड़ा जशोदाबेन मोदी का पैतृक गांव है।
आस-पड़ोस और परिवार के सदस्य कहते हैं की मोदी की बारात 2 दिनों तक गांव में ही रुकी थी और शादी रीति-रिवाजों के मुताबिक हुई थी, पर शादी के 3 सालों बाद ही वे दोनों एक दूसरे से अलग हो गए।
मोदी से अलग होने के बाद धोलका से Jashodaben Modi ने अपनी बची हुई पढ़ाई पूरी की तथा एक सरकारी स्कूल के शिक्षक के रूप में अपना कार्यभार संभाला। धोलका भारत के गुजरात राज्य के अहमदाबाद जिले का एक शहर है।
वर्ष 2010 में वे शिक्षक के पद से सेवा सेवा निर्वीत हो चुकी हैं। इन दिनों मोदी की पत्नी जशोदाबेन एक रिटायर्ड स्कूल टीचर की जिंदगी गुजार रही है। उनका सारा दिन पूजा पाठ में गुजर जाता है। उन्हें सरकारी पेंशन के रूप में 14 हजार रुपए मिलते हैं।
एक ओर जहां प्रधानमंत्री मोदी को आज पूरा विश्व जानता है वहीं दूसरी ओर उनकी धर्मपत्नी जशोदाबेन मोदी आज एक गुमनामी की जिंदगी जी रही है। उनकी सफल राजनीति जीवन के बीच उनका पारिवारिक जीवन वर्ष 2014 से राजनीतिक विवादों का केंद्र बना रहा।
प्रधानमंत्री मोदी का वैवाहिक जीवन (Narendra Modi married life)
प्रधानमंत्री मोदी का वैवाहिक जीवन ज्यादा दिन तक नहीं चला। शादी के करीब 3 साल बाद ही वे दोनों एक दूसरे से खुशी खुश अलग हो गए। जशोदाबेन ने मोदी या अपनी शादी को लेकर कभी कोई मलाल व्यक्त नहीं किया। बल्कि वे खुशी-खुशी पहले शिक्षिका के रूप में उसके बाद एक सेवानिवृत शिक्षिका के रूप में अपना जीवन गुजार दिया।
वे अपने वैवाहिक जीवन के बारे में किसी से बात नहीं करती। वे 50 सालों से एक दूसरे से अलग रह रही है। उनके परिवार वाले कहते हैं- भले जशोदाबेन मोदी से अलग रहती हैं परंतु उन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए हमेशा ईश्वर से प्रार्थना की है।
जब कोई नरेंद्र मोदी का बुराई करता है तब वे उसे चुप करा देती हैं। जशोदाबेन के दिल में मोदी के लिए बहुत सारा प्यार और यादें हैं। वह इन्हीं यादों के सहारे बाकी की जिंदगी बिताना चाहती है। उन्हें हमेशा गर्व रहेगा कि वे प्रधानमंत्री मोदी की पत्नीे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की शादी की बात कब आई सुर्खियों में (Narendra Modi Wife in Limelight)
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पहली बार लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र भर रहे थे उस वक्त पत्नी के कॉलम में उन्होंने पहली बार अपनी पत्नी (Modi wife) जशोदाबेन मोदी का जिक्र किया था।
तब विपक्ष ने इसे हाथों हाथ ले लिया था। क्योंकि इससे पहले मोदी जी तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके थे और उन्होंने पहले कभी इस बारे में कोई जिक्र नहीं किया था। हर बार उन्होंने पत्नी वाले कॉलम को खाली छोड़ दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े विवाद (Narendra Modi Controversy)
प्रधानमंत्री मोदी का विवादों से पुराना नाता है। मोदी के साथ विवाद उसके हर कदम पर जुड़ा हुआ है। जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी और जब भारत के प्रधानमंत्री बने तब भी विवादों में हमेशा रहे हैं मोदी जी।
आइए उनके कुछ महत्वपूर्ण विवादों के ऊपर नजर डालते हैं-
सुपर मुख्यमंत्री (Super Chief Minister)
जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब विरोधी उन्हें सुपर चीफ मिनिस्टर के नाम से पुकारते थे। यहां तक कि अपने पार्टी के नेताओं के भी सुर कुछ ऐसे ही थे। इसका खास कारण था कि नरेंद्र मोदी अपने कार्य का निर्वहन पूरी इमानदारी से करते थे। विरोधियों को यह बात अच्छी नहीं लगती थी।
कांग्रेस लीडर सुखाराम का समर्थन (Support to Sukharam)
उनके ऊपर कांग्रेस लीडर सुखाराम के समर्थन का आरोप लगा। 1990 के दशक में कांग्रेस के नेता सुखाराम के घर से 3.6 करोड़ Cash पाया गया था। जिसके कारण मीडिया में काफी चर्चा थी। कहा जाता है कि उस वक्त नरेंद्र मोदी ने उनका समर्थन कर उनकी मदद की।
2002 का गोधरा कांड (Godhara Riots)
मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के 5 महीने बाद वर्ष 2002 में गोधरा के दंगे हुए। इसमें 60 से अधिक हिंदू कारसेवकों की जलकर मृत्यु हो गई थी। जिसका आरोप मुसलमानों पर लगा। उसके बाद मुसलमानों के विरोध में भयानक दंगे शुरू हो गए। इन दंगों में अनेक लोगों की जान गई।
इस पर आरोप नरेंद्र मोदी पर लगा। कहा जाता है कि उन्होंने अपने कार्य का निर्वाहन ठीक से नहीं किया जिसके कारण दंगे हुए। अमेरिका ने तब मोदी को वीजा देने से मना कर दिया था। उनके ऊपर कई मुकदमे भी हुए। जिसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दी।
10 लाख के सूट का विवाद
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक सूट पहना था। उस सूट की कीमत 10 लाख बताई गई थी। इतना महंगा सूट होने का खास कारण यह था कि उसमें सोने की पतली पट्टी से नरेंद्र दामोदरदास मोदी लिखा हुआ था।
इस पर विपक्ष ने खूब आलोचना की और यह विवाद का विषय बन गया। बाद में इसे नीलाम कर दिया गया जिसे सूरत के एक व्यापारी ने खरीद लिया। विपक्ष आज भी इस पर तंग कसती है।
फर्जी नमो सॉल से उड़ा मजाक
नरेंद्र मोदी पेरिस पहुंचने के दौरान ट्विटर पर एक सॉल की तस्वीर शेयर की थी। कहा जाता है कि उसके ऊपर एनएम (नरेंद्र मोदी) लिखा हुआ था। इस सॉल को लुई विटन द्वारा बनाए जाने का दावा किया जा रहा था। बाद में लुई विटन ने इस बात का खंडन किया। लुई विटन ने एक पोस्ट के जरिए कहा की यह साल उसने नहीं बनाई।
काले धन को लेकर विवाद
2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने काले धन के बारे में लोगों से बात की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया था कि अगर स्विस बैंक में जमा सभी काले धन को भारत लाया जाए तो सब के खाते में 15 लाख रुपए ऐसे ही आ जाएंगे।
बाद में इस पर कार्य भी शुरू हुआ। इसके लिए जांच कमेटी का गठन किया गया। अन्य राष्ट्रों के साथ इस पर समझौता भी हुआ। लेकिन अभी तक काले धन का कोई पता नहीं चल पाया। इस पर विपक्ष राजनीति करने से नहीं चूकते।
मंत्री की योग्यता को लेकर विवाद (HRD Minister Degree)
मानव संसाधन विकास(HRD) मंत्री स्मृति ईरानी डिग्री को लेकर काफी विवाद हुआ। उन्होंने पहले अपने आपको ग्रेजुएट बताया था। बाद में उन्होंने राज्यसभा में कहा कि उनके पास अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी की डिग्री है। यह विवाद काफी चर्चा का विषय रहा। इस पर लोगों ने खूब चुटकीयां ली।
राज्यपालों के त्यागपत्र (Resignations of governors)
मोदी सरकार के गृह सचिव ने कई सारे राज्यपालों को इस्तीफा देने के लिए कहा। इसके बाद सभी राज्यपाल एक-एक करके अपना इस्तीफा सौंपने लगे। बहुत सारे राज्यपाल इस्तीफा देने को राजी नहीं हुए और इस मामले को कोर्ट तक ले गए। बाद में विपक्ष ने इस पर खूब आलोचना की।
सांप्रदायिक टिप्पणियों को लेकर विवाद (Communal Remarks)
योगी आदित्यनाथ जब गोरखपुर के सांसद थे तब उन्होंने हिंदू और मुसलमानों के बीच एक विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जहां मुस्लिम आबादी 10 से 20% होता है वहां सांप्रदायिक तनाव अधिक होते हैं। जहां 20 से 40% होते हैं वहां तनाव गंभीर हो जाता है। 40 से अधिक हो जाने पर वहां गैर मुस्लिम नहीं रह सकते।
इसके अलावा सचिवों की नियुक्तियों को लेकर विवाद, रेप केस में मंत्री का नाम आने पर विवाद, मोदी सरकार की हिंदी डिप्लोमेसी का विवाद, पाठ्यक्रम और यूपीएससी पर विवाद, न्यायिक जवाबदेही बिल पर विवाद, दिल्ली गैंगरेप पर जेटली जी का बयान के ऊपर विवाद, दागी विधायक को जेड प्लस सुरक्षा देने पर विवाद तथा गिरिराज सिंह के बयानों से विवाद जैसे कई विवाद उनके साथ जुड़े हुए हैं।
नरेंद्र मोदी का जन्मदिन (Narendra Modi birthday)
प्रधानमंत्री मोदी का 71वां जन्मदिन (PM Modi birthday) 17 सितंबर 2021 को है। आने वाले 17 सितंबर को मोदी जी की उम्र (Modi age) 71 वर्ष हो जाएंगे। भाजपा के तमाम नेता और कार्यकर्ता इस दिन को सेवा सप्ताह के रूप में मनाते हैं।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गरीब लोगों में राशन बांटा जाएगा। ब्लड डोनेशन कैंप इत्यादि लगाया जाएगा। मुफ्त चेकअप शिविर लगाया जाएगा, वैक्सीन ड्राइव को तेज किया जाएगा। इसके अलावा भी कई अन्य कार्यक्रम होंगे।
इस दिन गुजरात के गांवों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने राम धुन का आयोजन किया है। नरेंद्र मोदी लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं। मंत्री से लेकर कार्यकर्ता तक सभी इस दिन को एकदम खास बनाना चाहते हैं। सभी नेता और कार्यकर्ता इस दिन अपने अपने क्षेत्र में जाकर लोगों की मदद करेंगे। हर वर्ष प्रधानमंत्री मोदी इस दिन अपने मां का आशीर्वाद लेने के लिए गुजरात जाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के अनमोल वचन (Narendra modi Quotes)
Narendra modi Quotes |
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आत्मशक्ति इंसान को महान बनाती है जो इंसान आत्म शक्ति से परिपूर्ण है वह सदैव अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है |
या झुकने वाला भारत नहीं है। यह आंख दिखाने वाला भारत नहीं है। यह आंख उठाने वाला भारत नहीं है। यह आंख से आंख मिलाकर बात करने वाला भारत है। |
न खाऊंगा.. न खाने दूंगा.. |
मैं देश नहीं मिटने दूंगा मैं देश नहीं बिकने दूंगा |
विश्व को अपना परिवार मानकर कार्य करते हैं। ईश्वर ने अगर 100 बार भी मुझे धरती पर भेजा तो मां भारती के लिए ही काम करूंगा.. |
हमारी परंपरा का अंदाजा तुम क्या लगाओगे हम उस परंपरा को पालन करने वाले हैं जहां |
डरते हैं वह लोग जो चोर होते हैं ऐसे लोगों को डरना भी चाहिए. |
एक चाय वाले को ही पता होता है कि चाय कब तक उबालना चाहिए |
सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास |
वंशवाद की सत्ता ने देश को प्रगति के मार्ग पर कभी आने नहीं दिया अब सवा सौ करोड़ लोगों ने ठान लिया है देश को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना है। |
Narendra Modi Quotes |
सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया की संकल्प लेकर हम कार्य करते हैं। |
अब वह भारत नहीं रहा जो चुपचाप रहते थे। यह नया भारत है आंख से आंख मिलाना भी जानता है और जवाब देना भी। |
वसुधैव कुटुंबकम हमारी परंपरा है इसे हम कैसे छोड़ सकते हैं जी |
भारत युवाओं का राष्ट्र है भारत की प्रगति के लिए युवाओं को आगे आना होगा। |
विश्व हमारी तरफ उम्मीदों से देख रहा है योग को आज लगभग सभी देशों ने अपनाया है अब भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। |
एक निष्ठावान व्यक्ति ही सच्चा धर्म निभा सकता है। योगी से बड़ा कोई शासक नहीं हो सकता। |
जनता ने मुझे कुछ करने के लिए यहां भेजा है हम तो सन्यासी हैं कुछ पाने की लालसा नहीं झोला लेकर आए थे झोला लेकर चले जाएंगे। |
हम सन्यासी हमें धन दौलत की लालसा नहीं मेरे पास मां का सच्चा आशीर्वाद है और सवा लाख करोड़ जनता का प्यार। |
पड़ोसी मुल्क कान खोल कर सुन ले अब यहां परिवार का नहीं जनता का शासन चलता है |
ऐसा भारत बनाने का सपना देखा है मैंने जहां अमेरिका भी वीजा लेने के लिए कतार पर खड़ा हो। |
Narendra Modi से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Facts)
- बचपन में अपने दलित मित्र के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने पुरस्कार में मिले पैसे से स्कूल ड्रेस खरीदा था।
- बचपन में नरेंद्र मोदी गांव के तालाब में नहाने के लिए जाया करते थे वहां से उन्होंने मगरमच्छ का एक बच्चा पकड़ लाया था। मां के कहने पर उसके बच्चे को फिर से वही तालाब में छोड़ आया ।
- मोदी को बचपन से ही सवाल पूछने की आदत थी। वे हर चीज में सवालों के तीर छोड़ा करते थे।
- बहुत कम ही लोगों को पता है कि मोदी ने करीब 3 साल का जीवन हिमालय की कंदराओ और गुफाओं में बिताया है। उस वक्त मोदी ने पूर्ण रूप से घर को त्याग दिया था।
- उन्होंने पूरे भारत का भ्रमण कर संघ का प्रचार प्रसार किया।
- 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान नरेंद्र मोदी ने सैनिकों की काफी सेवा की। जब सैनिकों से भरी गाड़ी स्टेशन पर पहुंचते थे। उस वक्त नरेंद्र मोदी गरमा गरम मसाला चाय लेकर दौड़ पड़ते थे। चाय पिलाने के बाद देश की रक्षा करने के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद भी देते थे।
- युवावस्था में उन्होंने घूम घूम कर संघ का प्रचार किया। इसके अलावा उन्होंने हिमालय में प्राचीन साधुओं से मिलने का भी अनुभव प्राप्त किया।
Other Facts
- प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया भर के लोगों को एकजुट किया। मोदी से दुनिया को काफी उम्मीदें हैं।
- जापान के प्रधानमंत्री ने पहली बार अंग्रेजी में ट्वीट किया। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी।
- वे कविताएं तथा कहानियां लिखने के काफी शौकीन है। उन्हें फोटोग्राफी का भी शौक है। उन्होंने अपने फोटोग्राफी को सहेज कर रखा है।
- अपने स्कूल के दिनों में वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे।
- जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अपने ट्विटर अकाउंट में सिर्फ 4 लोगों को फॉलो करते हैं। उनमें से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राज्य अमेरिका से 3 महीने का एक कोर्स किया है। वहां उन्होंने छवि प्रबंधन और जनसंपर्क का अध्ययन किया।
- वे तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे अपने पूरे कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने एक बार भी छुट्टी नहीं ली।
नरेंद्र मोदी के बारे में हाल ही में पूछे गए प्रश्न और उनके उत्तर (FaQ)
17 सितंबर 1950
वडनगर गुजरात।
वडनगर, गुजरात।
72 वर्ष।
बच्चे नहीं है।
मोध घाची (OBC)
वडनगर गुजरात में।
26 मई 2014
100 वर्ष।
26 मई 2024 तक।
सन 2014
नरेंद्र मोदी।
चार भाई।
जशोदाबेन चिमनलाल मोदी।
संघ के कार्यकर्ता बाद में गुजरात के मुख्यमंत्री।
माता का नाम हीराबेन मोदी तथा पिता का नाम मूलचंद दास मोदी।
बहुत सारे विकास के कार्य किए हैं।
निष्कर्ष
किसने सोचा था एक चाय बेचने वाला गरीब लड़का देश का प्रधानमंत्री बनेगा। प्रधानमंत्री मोदी का संघर्ष हर व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने अपनी सारी योजनाएं गरीबों को ध्यान में रखकर बनाए हैं।
उनका मकसद आखरी पायदान पर बैठे व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। यूं ही कोई प्रधानमंत्री मोदी नहीं हो जाता। बहुत तपना पड़ता है साहब। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी (Narendra Modi biography in Hindi) हर भारतवासी को एक नई सोच और संघर्ष करने की शक्ति देती है।
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