Machh Mani की पहचान, मूल्य, फायदे तथा धारण करने की विधि

मच्छ मणि (Machh Mani) एक विशेष प्रकार की मणि होती है जो मछलियों के शरीर में पाया जाता है। यह कोई साधारण मणि नहीं बल्कि यह एक दुर्लभ रत्न है। मच्छ मणि भारत तथा श्रीलंका की गहरी सागरों में पाया जाता है।

ज्योतिष विज्ञान की दुनिया में रत्न (Ratna) और मणि (Mani) का विशेष महत्व होता है। संसार में कई प्रकार के मणि और रत्न जड़ित आभूषण होते हैं जिसे लोग पहनना पसंद करते हैं। कहा जाता है कि इसे पहनने से शरीर के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं तथा घर में सुख शांति बनी रहती है।

प्रत्येक मणि का अपना-अपना महत्व होता है। इस लेख में, हम मच्छ मणि (Machh Mani) के बारे में बात करेंगे। आज हम जानेंगे कि- मच्छ मणि (Machh Mani) क्या है? मच्छ मणि कैसे प्राप्त होता है? मच्छ मणि का उपयोग तथा महत्व क्या है? इसके अलावा मच्छ मणि की पहचान, मूल्य तथा इसके फायदे के बारे में भी बात करेंगे।

आप इस आर्टिकल में आए हैं इसका मतलब है कि आपके जीवन में जरूर कुछ उतार-चढ़ाव चल रहा है। मच्छ मणि के बारे में पूरी जानकारी के लिए इसे पूरा जरूर पढ़ें।

मच्छ मणि क्या है? (Machh Mani Kya Hai)

मच्छ मणि (Machh Mani) एक दुर्लभ मनी होता है जो समुद्री जीवों खास करके मछलियों के शरीर के अंदर बनता है। इसे “मत्स्य रत्न” भी कहा जाता है। गहरे सागर में पाए जाने के कारण यह काफी दुर्लभ होता है। इस मणि को समुद्र का गौरव कहा जाता है क्योंकि इसको निकालने की प्रक्रिया गहरे समुद्र में होती है।

machh mani

इसे धारण करने से जीवन में हर प्रकार के कष्ट, तनाव, बाधा, दोष दूर होती है तथा एक सुखी जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। इसे धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है जिससे जीवन में सुख शांति बनी रहती है।

लोग कुंडली में अपने दोषों को दूर करने के लिए तथा नौ ग्रहों के शुभ परिणाम पाने के लिए कई प्रकार के रत्न मणि धारण करते हैं। कुंडली के दोषों को दूर करने तथा ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए मच्छ मणि उपयोगी माना जाता है। इसे गहरी समुद्र से निकलने की प्रक्रिया काफी रोमांचकारी होती है।

मच्छ मनी कैसे प्राप्त किया जाता है?

मच्छ मणि प्राप्त करना काफी कठिन होता है। इसे सिर्फ अनुभवी लोग ही खोज सकते हैं क्योंकि इसे खोजने के लिए एक विशेष प्रकार की कला की जरूरत होती है। जिस मछली के पेट के अंदर मच्छ मणि पाया जाता है वह समुद्र के गहरे तल में पाई जाती है।

पूर्णिमा की एक विशेष रात को यह मछली चंद्रमा की रोशनी में तैरते हुए समुद्र के तट पर आ जाती है। उस दिन मछुआरे इस मछली को पकड़ लेते हैं। जिस मछली में उन्हें लगता है मच्छ मणि हो सकती है उसे पकड़कर उसके पेट को दबाता है।

ऐसा करने से मच्छ मणि बाहर निकल जाती है। यह मछली काफी दुर्लभ होती है इसीलिए मच्छ मणि निकाल कर मछुआरे उन्हें पुनः गहरे समुद्र में तैरने के लिए छोड़ देते हैं। इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की जीव हत्या नहीं होती है।

मच्छ मणि के उपयोग तथा फायदे (Machh Mani Stone Benefits)

ओरिजिनल मच्छ मणि पहनने के बहुत से फायदे (machh mani ke fayde) हैं। आइए मच्छ मणि से होने वाले लाभ (Machh Mani Ke Labh) के बारे में लिए एक-एक करके जानते हैं।

Machh Mani के आध्यात्मिक लाभ

  • मच्छ मणि (Machh Mani) को धार्मिक तथा आध्यात्मिक नजरिए से महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे सौभाग्य समृद्धि और सुख के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इससे ध्यान और एकाग्रता में मदद मिलती है।
  • कुंडली में राहु तथा ग्रहों की मनोदशा को ठीक करने के लिए मच्छ मणि सबसे प्रभावशाली उपाय माना जाता है।
  • मच्छ मणि रत्न पहनने से कारोबार में बरकत तथा नौकरी पेसा में तरक्की होती है।
  • मच्छ मणि को अभियंत्रित करके पहनने से धन की तंगी दूर होती है तथा इसके प्रभाव से रुके हुए काम बनने लगते हैं। इससे चारों तरफ से धन आना शुरू होता है। इससे परिवार में खुशहाली आती है।
  • कई जातकों के कुंडली में कालसर्प दोष तथा चांडाल दोष होता है। इस दोष के कारण जीवन में कई प्रकार की नई-नई मुसीबतें आती है जिसके कारण मानसिक तनाव,आर्थिक और शारीरिक कष्ट बढ़ जाते हैं। मच्छ मणि धारण करने से ऐसे कष्टों का निवारण बहुत जल्दी हो जाता है।
  • मच्छ मणि धारण करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक भूमिका निभाता है तथा खुशहाल जीवन व्यतीत करता है।

मानसिक शांति

  • एक कटोरी समुद्री नमक के नीचे मच्छ मणि (Machh Mani) रखकर सुबह कच्चे दूध अथवा गंगाजल से धोकर कलाई में बांधने से राहु की महादशा अथवा आंतर दशा समाप्त हो जाती है।
  • टोना टोटका, नजर दोष अथवा ब्लैक मैजिक में मच्छ मणि को रात भर गंगाजल में डूबा कर रखें। सुबह हनुमान जी के चरणों के पास रखकर हनुमान चालीसा पढ़ें तथा अपने शरीर में धारण करें। इससे किसी भी प्रकार काला जादू तथा नजर दोष से बचा जा सकता है।
  • मच्छ मणि (Machh Mani) को कच्चे दूध में रात भर डूबा कर रखने तथा सुबह गंगाजल से धोकर शिवलिंग में रखकर दुग्धाभिषेक करने से वास्तु दोष खत्म होता है।
  • Machh Mani धारण करने से शरीर के इंद्रियों में तीव्रता आती है जिसके कारण दिमाग तेज होता है। इसके अलावा धन की समस्या खत्म होने के साथ-साथ राहु की अंतर्दशा और महादशा में राहत मिलती है।
  • इसके धारण करने से शरीर के अंदर रोग अथवा व्याधियां समाप्त होती है तथा स्वास्थ्य में बहुत लाभ होता है। घर के प्रत्येक सदस्य किसी न किसी बीमारी से पीड़ित होते रहते हैं तो मच्छमणि धारण जरूर करना चाहिए।

Machh Mani स्वास्थ्य के लिए उपयोग

  • त्वचा अथवा पाचन से संबंधित रोग वाले व्यक्तियों को खास करके Machh Mani जरूर धारण करना चाहिए। इससे स्वास्थ्य लाभ में तेजी आती है।
  • परीक्षा में बार-बार असफल होने तथा उन्नति में बाधा होने पर यह मच्छ मणि जरूर धारण करना चाहिए। इससे सफलता के द्वार खुलते हैं।
  • घर में उपद्रव मचा हो, भाई भाई से, ननद भौजाई से, सास बहू से झगड़े होते हैं। पूरा परिवार अस्त व्यस्त है तो परिवार के सभी सदस्यों को मच्छ मणि जरूर पहनना चाहिए। इससे घर के कलह शांत होते हैं और घर में खुशियां आती है।
  • प्रेम में बाधा, खोया हुआ प्यार पुनः पाने के लिए, मनचाही लड़की से प्यार इत्यादि के लिए मच्छ मणि बहुत उपयोगी रत्न है।
  • राजनीति में पूर्ण रूप से सक्रिय व्यक्ति जिन्हें सफलता नहीं मिल रही हो उन्हें मच्छ मणि धारण करनी चाहिए।
  • वैभव पूर्ण जिंदगी जीना चाहते हैं लेकिन धन की कमी है ऐसे में मच्छ मणि पहनने के बाद एश्वर्या पूर्ण जिंदगी जीने के सपना साकार हो सकते हैं।
  • गंभीर बीमारियों जैसे किडनी, कैंसर, क्षय रोग इत्यादि में मच्छ मणि धारण करने से रोग के प्रभाव कम होते हैं।
  • शत्रु आसपास के पड़ोसी हमेशा परेशान करते हैं जिसके कारण आप अवसाद में रहते हैं। ऐसे में मच्छ मणि पहनने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
  • केस-मुकदमा, कोर्ट कचहरी तथा अन्य कार्यों के लिए मच्छ मणि पहनना शुभ माना जाता है।

आध्यात्मिक विकास

आध्यात्मिक रूप से मच्छ मणि धारण करने से मन को शांति मिलती है। इससे मानसिक शांति का अनुभव होता है तथा आध्यात्म से जुड़ने में सहायक होता है। राहु के मनोदशा में Machh Mani बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मति भ्रम : राहु के दशा अथवा गोचर से प्रभावित कोई भी व्यक्ति मानसिक मति भ्रम का शिकार हो सकता है। इससे उन्हें सही और गलत का पता नहीं चलता है।

छल कपट और झूठ बोलना: राहु के प्रभाव से व्यक्ति छल कपट और झूठ बोलना शुरू कर देता है। इससे व्यक्ति अपने आसपास के लोगों को धोखा दे सकता है।

चोरी: राहु की दशा में व्यक्ति के चोरी करने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है जिसके कारण वह अनैतिक कार्य करने लगते हैं।

तामसिक भोजन और नशा: राहु के प्रभाव के कारण लोगों के तामसिक भोजन और नशा करने की आदत पड जाती है। यह व्यक्ति के जीवन को धीरे-धीरे नष्ट कर देता है।

षड्यंत्र और टोने टोटके: राहु के प्रभाव के कारण लोग षड्यंत्र और टोने टोटके करना शुरू कर देते हैं। यह मानवता के खिलाफ है।

आलस्य: राहु के प्रभाव लोगों को आलसी बना देते हैं। आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। यह इंसान के जीवन को नष्ट कर देता है।

मच्छ मणि कैसे धारण करें

मच्छ मणि कुंडली में उपस्थित राहु के लिए काल का रूप होता है। जीवन में राहु की महादशा से जुड़ी सभी समस्याओं के निराकरण के लिए माछ मणि उपयोगी रत्नों में से एक है। आईए जानते हैं मच्छ मणि कैसे धारण करना चाहिए? मच्छ मणि किस दिन पहनना चाहिए? इसके धारण करने की कई अलग-अलग विधियां है इसे एक-एक करके जानते हैं।

पूर्णिमा के दिन, रात को 12 बजे एक कटोरी गंगाजल लेकर मच्छ मणि को उसमें रखना हैं। उसके बाद उस मनी को सिद्ध करने के लिए राहु के इस मंत्र का 108 बार जाप करना होगा। मंत्र इस प्रकार है “ॐ रां राहवे नमः”। मंत्र जाप करने के दौरान इसमें 108 बार फूंक मारनी है।

इसके बाद यह मच्छ मणि सिद्ध होकर और प्रभावशाली हो जाती है। इसके बाद इसे शरीर में कहीं भी धारण कर सकते हैं। इसका लॉकेट कई प्रकार के धातुओं के साथ मिलकर बहुत ही खूबसूरत बनता है। इस लॉकेट को गले में धारण कर सकते हैं।

राहु की महादशा से प्रभावित लोग इसे रात में समुद्री नमक में डाल कर रख दें। अगले दिन इसे दूध तथा गंगाजल में धोकर शिवलिंग के ऊपर रखकर दुग्धाभिषेक करें।

इसके बाद राहु के महामंत्र (ॐ रां राहवे नमः) का 108 बार जाप करना चाहिए। इससे Machh Mani अभिमंत्रित होकर ताकतवर हो जाती है। इस मणि को शनिवार के दिन पहनना चाहिए इससे राहु ग्रह शांत होता है।

असली या नकली मच्छ मणि की पहचान कैसे करें?

जैसा कि आप जानते हैं मच्छ मणि मछली के पेट के अंदर पाई जाती है। ये मछली के आंख की तरह दिखाई देती है। असली मच्छ मणि (original machh mani) के पीछे का रंग सफेद तथा आगे का रंग मछली के आंख के रंग का होता है।

अगर मच्छ मणि दोनों तरफ से सफेद है तो इसका मतलब है कि यह नकली है। ऐसे नकली मच्छ मणि मार्केट में 20 से 30 रुपए में मिल जाते हैं। असली मच्छ मणि के आगे सुनहरी धारियां होती है जो इसे नकली मच्छ मणि से विशेष प्रकार से अलग करती है।

असली मच्छ मणि (Original Machh Mani) को खरीदने के लिए आप अमेजॉन वेबसाइट में जा सकते हैं। यहां कई साइज के मच्छ मणि उचित मूल्यों में उपलब्ध हैं।

मच्छ मणि का मूल्य (Machh Mani Stone Price)

मच्छ मणि कई प्रकार के आकार में मिलते हैं। मच्छ मणि का स्टोन आपको 5 रत्ती से लेकर 35 रत्ती तक की मिल सकती है। साधारण आकार की मच्छ मणि की साइज सवा 5 रत्ती, सवा 6 रत्ती, सवा 7 रत्ती, सवा 8 रत्ती तक होती है जो मार्केट में आसानी से मिल जाती है।

इसके अलावा अगर किसी को 18 रत्ती, 19 रत्ती अथवा 20 रत्ती मच्छ मणि की जरूरत होती है तो यह भी मार्केट मिल सकती है। इसके लिए आपको मार्केट में दो-तीन जगह से पता करना पड़ेगा। इससे बड़ा साइज जैसे 24 रत्ती, 25 रत्ती अथवा 26 रत्ती ये काफी दुर्लभ होते हैं।

इसे ढूंढना पड़ता है क्योंकि यह आसानी से नहीं मिलते हैं और यह पीस भी महंगे होते हैं। सवा 5 रत्ती की मच्छ मणि (machh mani stone price) आपको 1100 रुपए से लेकर लगभग 8 से 10 हजार रुपए तक की मिल जाएगी।

कई विक्रेता इसे पीस के हिसाब से तो कई इसे रत्ती के हिसाब से बेचते हैं। कई तो इसे प्रति ग्राम के हिसाब से भी बेचते हैं।

मच्छ मणि के नुकसान

मच्छ मणि राहु ग्रह से पीड़ित जातकों को धारण करना चाहिए। राहु ग्रह के दोषों को शांत करने के लिए इससे ज्यादा शक्तिशाली कोई भी यंत्र नहीं हो सकता। इसीलिए इसे बड़े आदर और सम्मान के साथ धारण करना चाहिए।

यदि इसको अपनाने में गलती होती है तो इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ता है। अगर आप इसे धारण करने के बारे में सोच रहे हैं तो इसके बारे में पूरी जानकारी आवश्यक प्राप्त कर ले। पूरे विधि विधान के साथ ही इसे अपने शरीर में पहनना चाहिए।

मच्छ मणि के लाभ (Machh Mani Ke Labh)

जीवन के संघर्ष की कहानी के रचयिता राहु है। राहु की प्रकोप की वजह से जातकों के जीवन में कई सारी परेशानियां देखने सुनने को मिलती है।

अगर किसी व्यक्ति के कुंडली में राहु की महादशा अथवा अंतर्दशा चल रही हो उसे मच्छ मणि पूरे विधि विधान से धारण करने पर लाभ मिलता है।

छल, कपट, ईर्ष्या, झूठ बोलना जैसे अनैतिक कार्य राहु के प्रभाव के कारण ही होते हैं। मच्छ मणि राहु को शांत करते हैं तथा जातकों को ऐसे बुरे काम करने से बचाते हैं।

रात में डरावनी सपने आना, परछाई में भूत दिखाई देना, जादू-टोना, बुरी नजर और प्रेत बाधा इत्यादि से भी माछ मणि रक्षा करता है।

मच्छ मणि कौन-कौन धारण कर सकता है?

जैसा कि आप जानते हैं मच्छ मणि राहु से पीड़ित जातकों का विशेष रूप से उपयोगी रत्न है। राहु मकर राशि का स्वामी है इसीलिए मकर राशि के जातक इसे पहन सकते हैं।

मिथुन, तुला, वृष या कुंभ राशि वालों को मच्छ मणि जरूर धारण करना चाहिए। राहु की स्थिति यदि दूसरे, तीसरे, नौवें और 11 वे भाव में हो तो ऐसे जातक मच्छ मणि पहन सकते हैं।

यदि कुंडली में बुध, शुक्र या राहु की स्थिति बन रही हो तो मच्छ मणि धारण करना फायदेमंद होता है। हृदय से लगाकर जो भी व्यक्ति इस मणि को धारण कर ले ईश्वर उनका कल्याण जरूर करते हैं।

मच्छमणि सम्बंधित पौराणिक कथा

मच्छ मणि के संदर्भ में एक घटना काफी प्रचलित है। इसमें त्रेता युग में हनुमान के पुत्र मकरध्वज की कथा का वर्णन मिलता है। रामायण के एक वृत्तांत के अनुसार जब हनुमान जी लंका दहन करके बाहर लौटे तब उनके शरीर का तापमान अत्यधिक था।

इसके कारण उनके शरीर से पसीने की एक बूंद समुद्र में तैर रही मछली के मुंह में जाकर गिरा। वही मछली आगे चलकर गर्भ धारण करती है। जब इस मछली को राक्षस राज अहिरावण पाताल लोक ले जाकर काटने लगा तब उनके गर्भ से मकरध्वज नामक एक बंदर पैदा हुआ।

उनके हाथ में एक रत्न था। अहिरावण ने उस बंदर से इस मणि के बारे में पूछा। मकरध्वज ने बताया कि यह मेरी मां के सिर से निकला है। उनकी मां ने यह रत्न उनकी रक्षा के लिए उन्हें दिया था। यह सुनकर अहिरावण भावुक हो गए और मकरध्वज को अपने साम्राज्य का मंत्री बना लिया।

एक बार अहिरावण ने पाताल लोक पहुंचकर राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया। जब हनुमान जी उन्हें छुड़ाने के लिए गए तब उनका सामना मकरध्वज से हुआ। मकरध्वज इस युद्ध में हार गया। इसके बाद उन्होंने हनुमान को अपना परिचय दिया और कहा आप मेरे पिता हो। इसी मकरध्वज को उनकी माता ने मच्छ मणि उनकी सुरक्षा के लिए मृत्यु से पहले दिया था।

Machh Mani से संबंधित पूछे गए प्रश्न और उनके उत्तर (FaQ)

मच्छ मणि क्या है?

मच्छ मणि एक प्रकार का दुर्लभ रत्न है। यह गहरे समुद्र में पाए जाने वाली मछलियों से प्राप्त होता है। राहु से पीड़ित जातकों के लिए यह रत्न बहुत महत्वपूर्ण है।

मच्छ मणि कहां मिलता है?

मच्छ मणि एक दुर्लभ रत्न है जिसे गहरे समुद्र से निकाला जाता है। गहरे समुद्र के अंदर तैर रही मछलियों के पेट के अंदर यह मनी मिलता है। जिसे निकाल कर बेचा जाता है।

मच्छ मणि का क्या उपयोग होता है?

धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मच्छ मणि का उपयोग किया जाता है। यह जीवन में सुख, समृद्धि एवं सौभाग्य लेकर आता है।

क्या मच्छ मणि सच में काम करती है?

इस दुर्लभ मणि को अत्यंत ही शुभ माना जाता है। घर में आर्थिक तंगी हो, क्लेश हो, व्यापार नहीं चल रहा है, घर के बच्चों पर बार-बार बुरी नजर का साया हो तो ऐसी परेशानियों से बचने के लिए मच्छ मणि पूरे परिवार के लोगों को धारण करना चाहिए। पवित्र भाव से पहनने पर यह सच में काम करती है।

मच्छ मणि की खोज किसने की?

मच्छ मणि की खोज समुद्र में मछली पकड़ने वाले लोगों ने की है। यह मणि धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं के साथ जुड़ी है जो लोगों के जीवन में आए हुए कष्टों को दूर करते हैं।

निष्कर्ष

राहु ग्रह जातक के जीवन में बुरा प्रभाव डालता है। इससे व्यक्ति के गुण तथा दोष प्रकट होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे प्रभावित व्यक्ति की मानसिक स्थिति, विचार और आचरण बदलने लगते हैं।

राहु के प्रभाव से पीड़ित व्यक्ति छल-कपट, आलस, नकारात्मक सोच, टोना टोटका, झूठ बोलना, चोरी करना, मांस मदिरा का पान करना जैसे अनैतिक कार्य करने लगते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को मच्छ मणि (Machh Mani) मंत्र जाप करके हाथों में अथवा गले में धारण करना चाहिए। इससे उनके जीवन में मंगल शुरू हो सकते हैं।

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