Wrestler Sushil Kumar biography in Hindi ( सुशील कुमार की जीवनी )
कहते हैं जब इंसान का बुरा वक्त आता है तो हर कदम पर उसके साथ बुरा ही होता है। कौन जानता था देश के लिए मेडल लाने वाले के पीछे आज पुलिस हाथ धोकर पड़ेगी। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं पहलवान सुशील कुमार ( Wrestler Sushil Kumar ) की जिन्हें एक मामले में आज पुलिस उन्हें लगातार ढूंढ रही है।
आज इस आर्टिकल में हम सुशील कुमार की जीवनी ( Wrestler Sushil Kumar ) के बारे में बात करेंगे। साथ ही उनकी उम्र, परिवार, शिक्षा, करियर, तथा उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बात करेंगे।
किस मामले में गिरफ्तार हुए पहलवान सुशील कुमार, Sushil Kumar News
हत्या के मामले में वह लगातार फरार चल रहे थे। जिसके कारण दिल्ली पुलिस की ओर से सुशील कुमार के ऊपर 1 लाख रुपए का इनाम रखा था और उनके दोस्त अजय के ऊपर 50 हजार रुपए का इनाम रखा था। एंटीसिपेटरी बेल भी सुशील कुमार की रिजेक्ट हो चुकी थी।
4 मई की रात को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम के अंदर झगड़ा हुआ था। पहलवानों के दो गुटों के बीच में जिसमें, सागर धनकर ( Sagar Dhankar ) नाम के पहलवान की मौत हो गई थी। अस्पताल में जब उसे लेकर जाया गया डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था।
जांच में यह बात सामने आई थी कि प्रॉपर्टी विवाद को लेकर पहलवानों के दो गुटों के बीच में छत्रसाल स्टेडियम के अंदर झगड़ा हुआ था। झगड़े के बाद ही पिटाई के चलते सागर धनकर की मौत हो गई थी।
शुरुआती जांच के बाद पुलिस को एक वीडियो भी बरामद हुआ था जिसकी फॉरेंसिक जांच कराई गई। फॉरेंसिक जांच से शामिल वीडियो बिल्कुल सही पाई गई और इस वीडियो के अंदर सुशील कुमार पिटाई करता हुआ नजर आ रहा था।
जिसके बाद ही दिल्ली पुलिस सुशील कुमार और उसके साथी की तलाश कर रही थी। दिल्ली हरियाणा उत्तराखंड पंजाब से पुलिस की टीमें लगातार पिछले 20 दिनों से सुशील कुमार को ढूंढ रही थी। सुशील कुमार भागने की कोशिश कर रहा था।
लगातार सिम बदल रहा था। मोबाइल बदल रहा था और पुलिस को चकमा देने की कोशिश करता यहां तक कि एक बार उसने अपना सिम अपने साथी को दिया जो उसे दिल्ली में लाकर उसने ऑन किया। कहीं ना कहीं पुलिस को भटकाने की कोशिश की लेकिन पुलिस को कामयाबी मिली।
सुबह करीब 9:30 बजे के आसपास मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सुशील कुमार को दबोच लिया। जब वह गाड़ी से उतरकर स्कूटी पर बैठकर आगे रोहतक जाने की फिराक में था। जिसके बाद स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
एक बड़ी कामयाबी दिल्ली पुलिस की, क्योंकि कहीं ना कहीं सवाल खड़े हो रहे थे प्रोफेशनल दिल्ली पुलिस के ऊपर। कैसे चकमा देने में लगातार सुशील कामयाब हो रहा है और अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल सुशील कुमार और उसके साथी अजय को हत्या के इस मामले में अदालत में पेश करेगी।
उसके बाद उसकी रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी कितने दिनों से छुपा हुआ था, घटना में शामिल कितने लोग थे जो उसका साथ दे रहे थे और 4 मई की देर रात को क्या पूरा घटनाक्रम हुआ, किस तरीके से झगड़ा हुआ कौन-कौन लोग उस हत्या में शामिल थे।
क्योंकि यह बात भी सामने आई है कि जिस समय पहलवानों के दो गुटों में झगड़ा हुआ, छत्रसाल स्टेडियम के अंदर और गेट के बाहर करीब 40 लोग मौजूद थे । यानी बड़ी संख्या में जो पहलवान वहां पर थे इतना ही नहीं जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग है और साथी जो काला जाकर गैंग है उनके भी वहां पर मौजूद होने के जो सबूत है। इसलिए मामला और भी ज्यादा बेहद गंभीर हो जाता है।
Wrestler Sushil Kumar wiki, bio, age, Family, education, career, Achievements and more
पूरा नाम | सुशील कुमार सोलंकी |
उपनाम | पहलवान जी |
व्यवसाय | भारतीय पहलवान |
जन्मतिथि | 26 मई 1983 |
उम्र | 38 वर्ष ( 2021 के अनुसार ) |
पिता का नाम | दीवान सिंह |
माता का नाम | कमला देवी |
भाई | उपलब्ध नहीं है। |
बहन | उपलब्ध नहीं है। |
जन्म स्थान | बपरोला दिल्ली |
गृह नगर | दिल्ली |
स्कूल | बपरोला स्कूल, दिल्ली |
महाविद्यालय / विश्वविद्यालय | दिल्ली यूनिवर्सिटी नई दिल्ल |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिंदू |
राशि | मिथुन राख |
लंबाई | 5 फीट 6 इंच |
वजन | 69 किलोग्राम |
आंखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
महिला मित्र/पत्नी | सावी कुमार |
बच्चे | सुवर्ण कुमार और सुवीर कुमार |
वैवाहिक तिथि | 18 फरवरी कुल संपत्त |
कुल संपत्ति | उपलब्ध नहीं है। |
सुशील कुमार का प्रारंभिक जीवन | Wrestler Sushil Kumar Biography in hindi
सुशील कुमार एक इंडियन रेसलर है। पहलवान सुशील कुमार का पूरा नाम सुशील कुमार सोलंकी है। उनका जन्म 26 मई सन 1983 को एक मध्यमवर्गीय जाट परिवार में हुआ था।
वे दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली से सटे नजफगढ़ के बापरोला गांव के रहने वाले हैं। सुशील के पिता का नाम दीवान सिंह है जो एमटीएनएल कंपनी दिल्ली में ड्राइवर के पद पर काम करते हैं।
उनकी माता कमला देवी एक कुशल गृहणी है। वे एक पहलवान खानदान से संबंध रखते हैं। उनके पिता के साथ उनका चचेरा भाई भी पहलवानी में अपना हाथ आजमा चुका है।
इसलिए सुशील कुमार को भी पहलवानी में आने के लिए उनके पिता तथा भाई से उनको प्रेरणा मिली। कुछ दिनों के बाद उनके चचेरे भाई संदीप ने रेसलिंग को अलविदा कह दिया।
परिवार वित्तीय संकट से जूझ रहा था जिसके कारण दो पहलवानों का खर्च उठाना उनके लिए मुश्किल हो रहा था। सुशील जब 14 वर्ष की उम्र के थे तब दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे कुश्ती के दांव पेंच सीखने जाते थे।
अभाव के बावजूद उन्होंने कम समय में ही अपनी रेसलिंग की कुशलता को आगे बढ़ाया। इसके लिए उसके परिवार ने उसका पूरा सहयोग किया।
उनके खाने-पीने में किसी प्रकार की कमी नहीं की गई। वे खाने में किसी भी प्रकार के मांसाहार का प्रयोग नहीं करते। वे एक फ्री स्टाइल रेसलर बने।
Wrestler Sushil Kumar Education
पहलवान सुशील कुमार की प्रारंभिक शिक्षा बपरोला स्कूल से हुई। जो दिल्ली के नजफगढ़ में पड़ता है। सुशील कुमार ने अपनी उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से पुरी की।
जहां से उन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री ली। वह बचपन से ही महाबली सतपाल पहलवान से जुड़े हुए थे। जिनके सहयोग से उन्होंने अपने कौशल को निखारा।
Wrestler Sushil Kumar Career
पहलवान सुशील कुमार ने सबसे पहले वर्ष 2006 में दोहा एशियाई खेलों में भाग लिया जहां उन्होंने रजत पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का पहला परिचय दिया था।
वर्ष 2007 में सुशील कुमार ने सीनियर एशियाई चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल तथा कनाडा में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर अपने पिता के सपनों को पूरा किया।
पहलवान सुशील कुमार 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक तथा 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीत कर लगातार दो ओलंपिक मुकाबलों में अपने दम पर पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने।
वर्ष 2008 के ओलंपिक में 66 किलोग्राम फ्री स्टाइल कुश्ती में कजाकिस्तान के लियोनिड स्प्रेडोनो को हराकर कांस्य पदक जीत कर अपने ही देश के पूर्व खिलाड़ी का रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
उस वक्त सुशील कुमार के लिए दिल्ली की सरकार ने 50 लाख रुपए, हरियाणा की सरकार ने 25 लाख रुपए तथा भारतीय रेलवे ने 55 लाख रुपए इनाम की घोषणा की थी।
2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर विश्व में देश का नाम रोशन कर दिया था। पिछले ओलंपिक में उन्होंने 60 किलोग्राम वर्ग में भाग लिया था लेकिन दुर्भाग्यवश यहां उनको कोई पदक प्राप्त नहीं हुआ। वर्ष 2014 में पहलवान सुशील कुमार ने पाकिस्तान के पहलवान कमर अब्बास को पछाड़कर अपने देश के लिए स्वर्ण पदक जीता था।
Wrestler Sushil Kumar Achievement In Hindi
पहलवान सुशील कुमार का करियर बहुत ही सुनहरा रहा उनकी उपलब्धियों से आज पूरा देश वाकिफ है। आज मैं आपको उनकी उपलब्धियों के बारे में बताऊंगा। उनकी उपलब्धियां कुछ इस प्रकार है-
- वर्ष 2003 में एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक।
- उसी वर्ष 2003 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
- वर्ष 2005 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
- साल 2007 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
- 2008 में एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक।
- वर्ष 2008 में बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक।
- 2009 में जर्मन ग्रैं प्री में स्वर्ण पदक
- वर्ष 2010 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक।
- 2012 में लंदन ओलंपिक में रजत पदक।
- वर्ष 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक।
निष्कर्ष
सुशील कुमार ने अपनी पूरी मेहनत देश में मेडल लाने के लिए की। लेकिन उनकी एक गलती ने उनके करियर को पूरी तरह से खराब कर के रख दिया। कुश्ती की हर रेस में आगे रहने वाले सुशील कुमार आज कानून के सामने बेबस खड़े दिखाई दे रहे हैं। सुशील कुमार की जिंदगी से आप बहुत कुछ सीख सकते हैं।
मुझे उम्मीद है की सुशील कुमार की जीवनी ( Wrestler Sushil Kumar biography in Hindi ) आपलोगों को अच्छा लगा होगा। मैंने इस आर्टिकल में सुशील कुमार के बारे में हर छोटी बड़ी घटना का उल्लेख किया है। फिर भी अगर कुछ छूट जाता है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा। ताकि मैं आपके लिए इस आर्टिकल को और बेहतर बना सकूं।