दीपिका कुमारी की जीवनी ( Deepika Kumari biography in hindi )
Deepika Kumari : उन्होंने कभी गरीबी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने कभी हौसला नहीं हारा। पिता ने रिक्शा चलाया जी तोड़ मेहनत की लेकिन बेटी को उसकी मंजिल तक पहुंचाया। जी हां हम बात कर रहे हैं विश्व की नंबर वन तीरंदाज दीपिका कुमारी की। उन्होंने निचले पायदान से शीर्ष खिलाड़ियों तक का सफर तय किया है।
आज उन्होंने फिर साबित कर दिया कि वह अपने पिता और देश की एक होनहार बेटी है। पेरिस में चल रहे विश्व कप में उन्होंने तीरंदाजी में लगातार 3 बार स्वर्ण पदक जीतकर हैट्रिक लगाते हुए एक बार फिर दुनिया के नंबर वन तीरंदाज की पदवी हासिल की और देश का मान बढ़ाया।
आज इस आर्टिकल में मैं आपको दीपिका कुमारी की जीवनी ( Deepika Kumari biography in hindi ),Wiki, kage, Family, Education, Career, Achievements तथा उनके कुछ महत्वपूर्ण तथ्य के बारे में आप लोगों को बताऊंगा जो शायद आपने इससे पहले कभी नहीं सुना होगा।
दीपिका कुमारी का जन्म तथा प्रारंभिक जीवन ( Early Life )
Deepika Kumari का जन्म रांची के रातू चट्टी नामक गांव में 13 जून 1994 को एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता शिव नारायण महतो पहले मजदूरी करते थे बाद में उन्होंने अपना एक ऑटो खरीदा और उसी को चला कर वे अपने परिवार का पेट पालने लगे। उनकी मां गीता महतो रांची मेडिकल कॉलेज में एक नर्स के पद पर कार्यरत हैं।
दीपिका कुमारी बचपन से ही अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित थी। जब वह छोटी थी तब छोटे-मोटे लक्ष्य निर्धारित कर उसे पूरा करने में जी जान लगा देती। उनकी मां कहती है- एक बार वे दीपिका के साथ बाजार से घर लौट रही थी। रास्ते में एक आम का पेड़ दिखाई दिया जहां पर मुश्किल से 2-3 आम दिखाई पड़ रहे थे। आम का सीजन जाने वाला था, इसीलिए सारे आम पेड़ से पहले ही गिर चुके थे।
उसने अपनी मां से आम तोड़ने की इच्छा जताई। मां ने मना करते हुए कहा की आम बहुत दूर है तुम नहीं तोड़ पाओगी। दीपिका ने कहा मां तुम चिंता मत करो मैं इस आम को एक ही निशाने में तोड़ दूंगी।
फिर उन्होंने पत्थर उठाई, और आम पर निशाना लगा कर पत्थर फेंक दिया। एक ही निशाने में आम नीचे आ गिरा। उसने कहा कि दीपिका का ऐसा निशाना देखकर मुझे काफी हैरानी हुई। तब से उन्होंने तीरंदाजी में अपना कैरियर बनाने के बारे में सोचा. दीपिका ऐसे ही अपना लक्ष्य निर्धारित करती है तथा उसे पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत करती है।
Deepika Kumari Wiki, bio, age, education, career and more
Name | Deepika Kumari |
Nick Name | Deep |
Profession | Archer |
Date of Birth | 13 June 1994 |
Age | 27 Years ( as in 2021 ) |
Father’s Name | Narayan Mahto |
Mother’s Name | Geeta Mahto |
Birthplace | Ratu Chatti, Ranchi ( India ) |
Hometown | Ranchi |
Nationality | Indian |
Religion | Hinduism |
Cast | Mahto |
Zodiac | Gemini |
Marital Status | Married with Antanu Das |
Husband Name | Antanu Das |
Marriage anniversary | 30 June |
Height | 5′ 5″ ( in Feet ) |
Weight | 48 Kilogram |
Eye Colour | Black |
Hair Colour | Black |
Favorite Player | Sachin Tendulkar |
Favorite Actor | Sunny Deol |
Favorite Actoress | Amisha Patel |
Favorie Show | Comedy nights with Kapil |
Favorite Colour | Blue |
दीपिका कुमारी का परिवार ( Family )
माता-पिता के अलावा Deepika Kumari का एक भाई है। परिवार के सभी लोग रांची से 15 किलोमीटर दूर रातू चट्टी गांव में अपने निवास स्थान में रहते हैं। हालांकि तत्कालीन झारखंड सरकार ने दीपिका के लिए निशुल्क बंग्ला देने की घोषणा की थी। लेकिन यह बंगला उसे आवंटित हुआ या नहीं यह मालूम नहीं है। उनके चाचा, मामा, ताऊ समेत उनका एक भरा पूरा परिवार है।
दीपिका कुमारी की शिक्षा ( Education )
Deepika Kumari की प्रारंभिक शिक्षा रातू रांची से हुई।
वर्ष 2005 के शुरुआत में दीपिका ने अर्जुन आर्चरी अकादमी में दाखिला लिया। अर्जुन आर्चरी अकादम झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा ने अपने गृह नगर खरसावां में शुरू की थी। दीपिका कुमारी ने अपनी करियर की शुरुआत मुख्य रूप से वर्ष 2006 में शुरू की जब उन्होंने जमशेदपुर में स्थित टाटा तीरंदाजी अकादमी ज्वाइन किया।
तीरंदाजी की सभी विधाएं उन्होंने यहीं से सीखे। वर्ष 2006 में मरीदा मेक्सिको में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप के एकल प्रतियोगिता में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया। और इस प्रकार से वह इस क्षेत्र में ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी भारतीय बनी।
दीपिका कुमारी का करियर ( Career )
वर्ष 2009 में जब दीपिका 15 वर्ष की थी तब अमरीका में हुई 11वीं यूथ आर्चरी चैंपियनशिप जीत कर उन्होंने सबसे बड़ा कीर्तिमान स्थापित किया। कुछ ही दिनों के बाद उन्होंने साल 2010 के एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता।
इसी वर्ष 2010 में जब कॉमनवेल्थ खेलों की शुरुआत हुई तब महिला एकल और अपने टीम के लिए उन्होंने दो स्वर्ण पदक दिलवाए। राष्ट्रमंडल खेलों में भी इसी साल उन्होंने भारत के लिए खुद की मेहनत से स्वर्ण पदक हासिल किया तथा अपने महिला रिकर्व टीम को भी स्वर्ण पदक दिलवाया।
इसके अलावा इंस्ताबुल तथा टोक्यो में 2011 तथा 2012 के एकल खेलों में देश को रजत पदक दिलवाया। दीपिका कुमारी ने अपनी जिंदगी में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे एक के बाद एक कई खिताब अपने नाम करते गए। उनके जीते गए पदक की विस्तार से जानकारी नीचे दी गई है।
दीपिका कुमारी की उपलब्धियां ( Achievements )
वर्ष 2011 में टोरिनो में महिला टीम के लिए रजत पदक जीते।
साल 2015 में कौपहेगेन में महिला टीम के लिए रजत पदक जीते।
2012 के वर्ल्ड कप के दौरान अंटालिया में एकल प्रतिस्पर्धा में गोल्ड मेडल जीते।
वर्ल्ड कप 2013 Wroclaw में अपनी टीम के लिए गोल्ड मेडल जीते।
वर्ष 2014 के वर्ल्ड कप में Wroclaw में अपने टीम के लिए गोल्ड मेडल जीते।
साल 2013 मैडेलीन में अपनी टीम के लिए गोल्ड मेडल जीते।
वर्ष 2018 के वर्ल्ड कप में साल्ट लेक सिटी में एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते।
Deepika Kumari की शादी | Husband
वे चाहती थी कि वह 2020 का वर्ल्ड कप खेलने के बाद ही शादी के बंधन में बंधेगी और वैसा ही उन्होंने किया। Deepika Kumari की शादी 30 जून 2020 को रांची के मोरहाबादी मैदान में संपन्न हुआ।
उन्होंने भारतीय तीरंदाज आंतनु दास के साथ शादी के सात फेरे लिए। आंतनु दास कोलकाता पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।
Deepika Kumari से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:-
- Deepika Kumari तीरंदाजी के क्षेत्र में जाने का फैसला उसी वक्त ले लिया था जब वे 10 वर्ष की थी।
- दीपिका कुमारी को शुरुआती दिनों में आर्थिक रूप से कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
- आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वे तीरंदाजी में उपयोग होने वाले महंगे सामान नहीं खरीद पाते थे, फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
- दीपिका कुमारी बांस से बने धनुष और तीर से प्रैक्टिस किया करती थी।
- वर्ष 2012 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के द्वारा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
- साल 2016 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पदम श्री अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया था।
निष्कर्ष
दीपिका की कड़ी मेहनत और अथक परिश्रम हर किसी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। अपनी सीमित संसाधन के बाद भी उन्होंने जिस प्रकार से देश का नाम ऊंचा किया उसके लिए हर भारतवासी उन्हें दिल से सलाम करते हैं।
आज हर पिता अपनी बेटी को Deepika Kumari की जगह देखना चाहते हैं। जिस प्रकार आजकल लोग लड़कियों को कमतर आंकते हैं। दीपिका ने साबित कर दिया लड़कियां किसी से कम नहीं है।
मुझे उम्मीद है आपको दीपिका कुमारी की जीवनी ( Deepika Kumari biography in hindi ) अच्छा लगा होगा। मैंने दीपिका कुमारी से संबंधित लगभग सभी छोटी-बड़ी घटनाओं को इस आर्टिकल में शामिल करने की कोशिश की है।
फिर भी अगर कुछ छूट जाता है तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। ताकि मैं आपके लिए इस आर्टिकल को इंप्रूव कर सकूं।
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