Kashi Vishwanath Mandir : काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास, संरचना तथा महत्व

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काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) भारत के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस के विश्वनाथ गली में स्थित है। यह उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। भारत की पवित्र नदी गंगा के समीप पश्चिमी दिशा में काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है। आज हम आपको काशी विश्वनाथ मंदिर से जुड़े उनकी तमाम जानकारी जैस- इतिहास, मंदिर की संरचना, उनकी बनावट, तथा उसके महत्व के बारे में आप लोगों को बताएंगे। अगर भगवान शिव से जुड़े इस आध्यात्मिक नगरी के बारे में जानना चाहते हैं तो कृपया इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।

काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir)

भारत का इतिहास अध्यात्म से जुड़ा हुआ है। इसे मंदिरों का देश भी कहा जाता है। प्राचीन काल से लेकर अब तक कई नए और पुराने मंदिरों का निर्माण हुआ है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक लाखों ऐसे मंदिर मिलेंगे जिनका इतिहास लोगों को प्रेरित करती है। काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। काशी विश्वनाथ मंदिर भारत के प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है।

Kashi Vishwanath mandir corridor
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यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस के विश्वनाथ गली में स्थित है। यह उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है। भारत की पवित्र नदी गंगा के समीप पश्चिमी दिशा में काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित है। काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मंदिर के प्रांगण में स्थित मुख्य देवता विश्वेश्वर अथवा विश्वनाथ के नाम से जाना जाता है। इसका अर्थ है ब्रह्मांड के शासक। मंदिर जहां स्थित है वह शहर काशी कहलाता है, इसीलिए इसे काशी विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है।

काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास (History of Kashi Vishwanath Mandir)

काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है। यह लोगों की आस्था का एक बड़ा केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति एक बार इस मंदिर का दर्शन करके पवित्र गंगा में स्नान करते हैं तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मंदिर को कई बार मुस्लिम आताताईयों ने तोड़कर विखंडित कर दिया, लेकिन हर बार इसका निर्माण कर भव्य स्वरूप दिया गया।

11 वीं सदी में राजा हरिश्चंद्र द्वारा निर्माण

यह मंदिर गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है जिसके कारण यह हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस मंदिर का दोबारा निर्माण राजा हरिश्चंद्र ने 11 वीं सदी में करवाया था। साल 1194 ईस्वी में मोहम्मद गौरी ने इस मंदिर को खंडित कर दिया था। फिर से इसे तीसरी बार निर्माण करवाया गया लेकिन 1447 ईस्वी में जौनपुर के सुल्तान मोहम्मद शाह ने फिर से इसे तुड़वा दिया। मुस्लिम कट्टरपंथियों की यह खेल लगातार चलता रहा। इतिहास के पन्नों को अगर खंगाला जाए तो पता चलेगा कि एक 11 वीं सदी से लेकर 15वीं सदी तक लगातार इस मंदिर का निर्माण और तोड़ने की घटनाएं चलता रहा है।

15 वीं सदी में पंडित नारायण भट्ट द्वारा निर्माण

चौथी बार इसका निर्माण 1585 ईसवी इसवी में अकबर के नवरत्नों में से एक राजा टोडरमल की मदद से राजा नारायण भट्ट ने किया। लेकिन फिर से इसे साल 1632 ईस्वी में तुड़वाने के लिए शाहजहां ने सेना की एक टुकड़ी भेज दी। इस बार हिंदुओं ने एक होकर उनका मुंह तोड़ जवाब दिया जिनके कारण उनकी सेना पीछे हट गई। औरंगजेब ने 18 अप्रैल 1669 में मंदिर को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे।

मौजूदा मंदिर का निर्माण

आप जिस मंदिर को भव्य रूप में देख रहे हैं, उस मंदिर का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1780 ईसवी में करवाया था। महाराजा रंजित सिंह काशी विश्वनाथ के परम भक्त थे, कहा जाता है कि तब उन्होंने 1853 ईसवी में इस मंदिर को 1000 किलोग्राम सोना दान किया था।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया। इसके पहले चरण का काम पूरा हो चुका है जिसके कारण मंदिर समिति ने इस कॉरिडोर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया है। इस कॉरिडोर का भव्य रूप देने के लिए नरेंद्र मोदी ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी बनारस के लोकसभा सांसद भी हैं।

इस प्रोजेक्ट से बनारस के विकास की गाथा जुड़ी है। यहां पर्यटन को विकसित करने के लिए काफी मदद मिलेगी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रधानमंत्री मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए 8 मार्च 2019 को आधारशिला रखी थी। इस परियोजना को बड़े तथा विशाल परियोजना के रूप में आधारशिला रखी गई थी। जिसे 5 लाख वर्ग फुट में बनाया गया है। इससे पहले यह परिसर 3000 वर्ग फुट तक ही सीमित था।

काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की संरचना (Structure of Kashi Vishwanath Temple Corridor)

काशी विश्वनाथ मंदिर को पवित्र गंगा नदी से जोड़ने के लिए एक सुगम मार्ग का निर्माण किया गया है। तीर्थयात्रियों तथा विश्वनाथ के भक्तों के लिए सुविधा के लिए परियोजना क्षेत्र को 5 लाख वर्ग फुट तक बढ़ाया गया है। इसके साथ ही वहां 23 नए भवनों के साथ-साथ गलियारों का भी निर्माण किया गया है।

यह प्रधानमंत्री का सपना था जब वे पहली बार बनारस से चुनकर आए थे। इस कॉरिडोर का कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। इसे वास्तुकार विमल पटेल द्वारा डिजाइन किया गया था। इसकी डिजाइन वास्तु कला तथा विशेष संरक्षण सहित कई ऐसे पहलू है जो इस परियोजना को सबसे अलग बनाते हैं।

10 पॉइंट में समझिए विश्वनाथ कॉरिडोर की संरचना को

  • इस परियोजना को 800 करोड़ रुपए की लागत से डिजाइन किया गया है। परिसर के लिए भूमि अधिग्रहण करने में 390 करोड रुपए का खर्च हुआ है।
  • भूमि अधिग्रहण में 314 संपत्तियों का अधिग्रहण किया गया। इसमें खास बात यह है की जनता ने इसका भरपूर सहयोग दिया। किसी के ऊपर कोई दबाव नहीं था।
  • खुदाई के दौरान कई ऐसे पुराने मंदिरों के अवशेष मिले जिन्हें पुनः भव्य रूप देने तथा उन्हें संरक्षित कर बहाल किया गया।
  • परियोजना का अभी पहला चरण पूरा हुआ है। इसमें 23 नए भवनों का उद्घाटन किया जाएगा। यह भवन यात्रियों के लिए विशेष सुविधा की व्यवस्था करने के लिए बनाया गया है। इसमें यात्री सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, दर्शक दीर्घा, भोग साला सिटी, म्यूजियम तथा फूड कोर्ट आदि शामिल है।
  • भूमि अधिग्रहण के पश्चात 1400 से अधिक दुकानदारों किरायेदारों तथा मकान मालिको का पुनर्वास किया गया।
  • कंस्ट्रक्शन के दौरान निकलने वाले पुराने मंदिरों को नए और भव्य रूप देने का काम किया गया। इसमें 40 से अधिक मंदिर है।
  • इस कॉरिडोर की विशालता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की कभी यह कॉरिडोर 3000 वर्ग फीट में फैला हुआ था। आज वही कॉरिडोर 5 लाख वर्ग फीट में फैला हुआ है।
  • कोरोना की व्यापक व्यवधान के बावजूद इस कार्य को समय पर पूरा कर लिया गया है।
  • प्रतिष्ठित दशाश्वमेध घाट के पास ऐतिहासिक काशी विश्वनाथ मंदिर के कॉरिडोर पत्थरों और अन्य सामग्री के साथ पारंपरिक शिल्प कौशल का उपयोग कर कई प्रकार की संरचनाएं बनाई गई है।
  • इस कोरिडोर को बनाने के लिए सरकार को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। फिर भी यह कॉरिडोर भगवान विश्वनाथ की कृपा से दिव्य और भव्य स्वरूप में लोगों के सामने आ चुका है।
  • इसकी वास्तुकार विमल पटेल ने स्थल को विकसित करने से पहले मूल संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की।

काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का महत्व

  1. काशी विश्वनाथ मंदिर हिंदुओं की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पूरी तरह से बनकर श्रद्धालुओं के लिए तैयार है।
  2. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 13 दिसंबर को बनारस में इसका लोकार्पण किया।
  3. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के ऊपर 2019 से ही काम शुरू हो चुका था। इसको दिव्य और भव्य बनाने के लिए श्रमिकों ने दिन रात एक कर दिए थे। इसके लोकार्पण के बाद यह पूरी तरह से बदला-बदला सा नजर आ रहा है।
  4. माना जाता है कि गंगा स्नान के बाद आचमन कर विश्वनाथ मंदिर दर्शन से जीवन में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  5. इस कॉरिडोर के बनने के बाद श्रद्धालुओं को गंगा स्नान के बाद गंगाजल लेकर सीधे बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के अवसर मिलेंगे। उन्हें पहले की तरह मंदिर प्रांगण पहुंचने में परेशानी नहीं होगी।
  6. काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण करीब सवा 5 लाख वर्ग फिट में किया गया है। इस भव्य कॉरीडोर में कुल तेज छोटी बड़ी इमारतें तथा 27 मंदिर है।
  7. चौड़े गलियारों से होकर गुजरने में अब श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं होगी।
  8. प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहां आकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते हैं। यह हिंदुओं की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है।
  9. ऐसा माना जाता है कि काशी नगरी भगवान शिव के त्रिशूल पर टिकी हुई है। भगवान विश्वनाथ ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में यहां निवास करते हैं।
  10. भगवान विश्वनाथ के दर्शन से ही सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है।

काशी विश्वनाथ मंदिर से संबंधित हाल ही में पूछे गए प्रश्न तथा उनके उत्तर (FaQ)

Q. काशी विश्वनाथ मंदिर का सबसे पहला विध्वंस करने वाले मुस्लिम आक्रमणकारी कौन था?

Ans-1194 ईस्वी में मोहम्मद गोरी ने सबसे पहले इस मंदिर को तोड़ा था।

काशी विश्वनाथ मंदिर किस भगवान को समर्पित है

Ans- यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।

Q. गंगा काशी विश्वनाथ मंदिर के किस ओर स्थित है?

Ans- पूर्व की ओर

Q. काशी विश्वनाथ मंदिर को अंतिम बार किसने बनाया था।

Ans- अहिल्याबाई होल्कर ने 1780 ईस्वी में

Q. किस शहर को भारत का सबसे प्राचीन शहर कहा जाता है?

Ans- काशी को भारत ही नहीं बल्कि विश्व का सबसे प्राचीन शहर कहा जाता है।

Q. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए नरेंद्र मोदी ने आधारशिला कब रखी थी

Ans- 8 मार्च 2019

Q. काशी विश्वनाथ मंदिर किन कारणों से प्रसिद्ध है?

Ans- काशी विश्वनाथ मंदिर हिंदुओं की आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

Kashi Vishwanath Mandir से संबंधित जानकारी आपको कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा। आपका पूरा परिवार भगवान विश्वनाथ की कृपा से कुशल मंगल रहे यही कामना करता हूं। स्वस्थ रहे तथा महादेव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से काशी विश्वनाथ का दर्शन अवश्य करें।

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