दूध को सर्वगुण संपन्न आहार माना जाता है। इसमें सभी प्रकार के तत्व समान मात्रा में पाए जाते हैं। दूध के लिए भारत में लोग गाय, भैंस, ऊंट तथा बकरी इत्यादि पालते हैं।
तिब्बत के पठारी क्षेत्रों में जहां तापमान -40° डिग्री से -50° डिग्री तक होता है, वहां लोग याक (Yak) पालते हैं। यह तिब्बत के ऊंचे मैदानी तथा बर्फीले इलाकों के लिए एक पारंपरिक भोजन है।
Yak जब बच्चे को जन्म देती है तब उनके दूध का रंग (Yak milk color) लाल-गुलाबी होता है। इस प्रोटीन युक्त गुलाबी दूध को बीस्टिंग्स कहा जाता है।
इसमें प्रोटीन तथा न्यूट्रीशन (Yak milk nutrition) की प्रचुर मात्रा होती है। याक के दूध का सेवन बच्चों और बुजुर्गों में पूर्ण वसा वाले – दूध के रूप में किया जाता है।
इसमें अमीनो एसिड, और फैटी एसिड के विशेष तत्व, उच्च स्तर के एंटी ऑक्सीडेंट विटामिन विशिष्ट एंजाइम और प्रोबायोटिक गतिविधि वाले बैक्ट्रिया शामिल है।
याक के दूध के कारण तिब्बती लोग कठिन परिस्थितियों तथा तनावपूर्ण मौसम के बावजूद वह इसकी मदद से अपने आप को गर्म रखते हैं।
याक के दूध में एंटी ऑक्सीडेंट एलिमेंट पाए जाते हैं, जिसके कारण यह स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह चेहरे पर पड़े झुर्रियों को खत्म करने में काफी मदद करता है।
कच्चा दूध ज्यादा पौष्टिक माना जाता है। लेकिन स्वस्थ और स्वच्छता को देखते हुए ज्यादातर लोग इसे उबालकर पीते हैं।
याक के दूध से धूप क्रीम बनाया जाता है। यह चेहरों तथा त्वचा को धूप की गर्मी से बचाते हैं। इसके दूध से बना हुआ साबुन त्वचा की कई बीमारियों से बचाते हैं।
याक का दूध गाय के दूध से काफी ज्यादा पौष्टिक होता है। इसके अलावा भी याक के दूध की कई सारी फायदे हैं। इसे विस्तार से जानने के लिए जरूर पढ़ें-