भारत सरकार की लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 के अनुसार लॉटरी एक ऐसी स्कीम को कहा जाता है जिसमें टिकट खरीद कर भाग लेने हैं वाले लोगों को एक साथ इनाम जीतने का मौका दिया जाता है।

भारत में लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 लागू है। यह साफ साफ तौर पर लॉटरी खेलने पर प्रतिबंध लगाता है। लेकिन अगर राज्य सरकारें आधिकारिक लॉटरी चलाना चाहे तो ऐसा कर सकते हैं।

लॉटरी खेलना भारत में गैरकानूनी माना जाता है लेकिन फिर भी कुछ राज्यों को इस पर छूट मिली हुई है। इसके लिए उन्हें कुछ शर्ते पूरी करनी जरूरी होती है जैसे-

कोई भी इनाम पहले से घोषित किसी नंबर अथवा एक सिंगल डिजिट के आधार पर नहीं दिया जा सकता है। राज्य सरकार इस प्रकार से अपना लोगो लगाएंगे जिससे उनकी वैधता साबित हो सके।

राज्य सरकार लॉटरी के टिकट खुद बेचे की या सरकार द्वारा चुनी हुई बिक्री एजेंट्स के द्वारा। लॉटरी के टिकटों के बिक्री से होने वाला पैसा राज्य के पब्लिक अकाउंट में क्रेडिट किया जाएगा।

सभी लॉटरीयों का ड्रॉ राज्य सरकार ही करवाएगी। राज्य सरकार द्वारा घोषित समय सीमा के अंदर अगर इनाम की राशि क्लेम नहीं की जाती है तो वह राज्य सरकार की प्रॉपर्टी हो जाएगी।

ड्रॉ निकालने की जगह उसी राज्य की सीमा में तय की जाएगी जहां की लॉटरी है। किसी भी लॉटरी का एक हफ्ते में एक ही ड्रॉ होगा। उससे ज्यादा की इजाजत नहीं है।

ड्रा का समय राज्य सरकार ही तय करेगी। 1 साल में 6 से ज्यादा ड्रा नहीं हो सकते हैं। अगर केंद्र सरकार इससे जुड़ा कोई भी नियम लाती है तो इसे राज्य सरकारों द्वारा फॉलो करना होगा।

इन राज्यों को लॉटरी खेलने की कानूनी मान्यता मिली हुई है- केरल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, वेस्ट बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम, नागालैंड और मिजोरम

यह कार्यक्रम एक बड़े पब्लिक मीटिंग में होता है जहां पर बहुत सारे लोग एक साथ जमा होते हैं। यह खेल निष्पक्ष रुप से सभी लोगों की उपस्थिति में खेला जाता है।

उम्मीद है लॉटरी से जुड़ी कानूनी मान्यताओं के बारे में आप जान गए होंगे। लाटरी संबाद क्या है, जानने के लिए पढ़ें-