Quote : " देर से बनो लेकिन जरूर कुछ बनो क्योंकि, लोग वक्त के साथ खैरियत नहीं हैसियत पूछते हैं।"
कुछ ऐसी ही प्रेरणादायक बातों के साथ पटना की तंग गलियों के एक मकान में पढ़ाने वाले Khan sir को आज देश का बच्चा-बच्चा जानता है।
खान सर अपनी शिक्षण शैली के कारण काफी प्रसिद्ध है। खान सर की हंसी मजाक और मनोरंजक भरी पढ़ाई आज सबको अपना दीवाना बना रहा है। आज हर कोई खान सर की पढ़ाई को फॉलो करते हैं।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की पवित्र धरती पर जन्म लेने वाले खान सर एक मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा हुए थे। उनके पिता सेना में एक अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, जो कि अब रिटायर हो चुके हैं।
पिता और भाई की नक्शे कदम पर चलते हुए खान सर भी देश सेवा करना चाहते थे और वे भी सेना में भर्ती होना चाहते थे, दुर्भाग्यवश फिजिकल फिटनेस नहीं होने के कारण उनका चयन एनडीए में नहीं हो पाया।
उनका कहना था कि- "देश ने आपको क्या दिया, ये महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि, आपने देश के लिए क्या किया ये महत्वपूर्ण है"
गरीब और जरूरतमंद विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पटना में एक कोचिंग सेंटर की शुरुआत की जिसका नाम है- Khan gs Research center Patna.
Khan sir का पूरा नाम फैजल अली खान है। उन्होंने अपना असली नाम आज तक किसी को नहीं बताया। उन्होंने करीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए अनाथ आश्रम खोला है।
Khan sir patna की जनसेवा की भावना उन्हें एक सच्चे देशभक्त होने का सबूत देती है। इनके पढ़ाने का तरीका लोगों को बहुत पसंद आता है।
खान सर लाखों रुपए कमाते हैं, लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि वे अपने धन का अधिकांश भाग अनाथ आश्रम, गौशाला और एनजीओ इत्यादि में दान करते हैं। कुल मिलाकर Khan sir की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।
कुल मिलाकर Khan sir की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। खान सर के बारे में विस्तार से जानने के लिए-