टेक्नोलॉजी के दौर में बैंकिंग सेक्टर में कई नए बदलाव आए हैं। इस दौरान Debit Card, Credit Card और Net Banking इत्यादि का प्रयोग काफी तेजी से बढ़ा है।
कोरोना महामारी के दौरान इस सेक्टर में काफी ज्यादा उछाल देखा गया। हर कोई ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए ऐसी तकनीक का उपयोग ज्यादा मात्रा में करने लगे।
ऑनलाइन शॉपिंग के लिए आजकल इन कार्डों का प्रयोग काफी होने लगा। बिल पेमेंट करना हो अथवा गैस बुकिंग से लेकर रिचार्ज तक हर काम इससे आसानी से हो जाता है।
आपने 16 अंकों का डेबिट कार्ड नंबर तो जरूर देखा होगा लेकिन क्या आपने कभी इसके बारे में जानने की कोशिश किया कि इसके क्या अर्थ और मायने हैं।
चलिए आज हम आपको एटीएम में मौजूद 16 अंको की पूरी कहानी को बताते हैं। हर अंक अपने आप में कुछ कहती है। विस्तार से जानने के लिए इसे पूरा पढ़ें।
एटीएम कार्ड का पहला अंक यह बताता है कि कार्ड किसने जारी किया है। इस नंबर को Major Industry Identifier के नाम से जाना जाता है।
Atm कार्ड का पहला अंक छोड़कर अगले 5 अंक उस कंपनी के बारे में बताता है जिसे उसने जारी किया है। इस नंबर को Issuer Identification Number के नाम से जाना जाता है।
एटीएम कार्ड के अगले 9 अंक आपके बैंक अकाउंट से लिंक होते हैं। उनमें से अंतिम चार अंक चेक डिजिट के नाम से जाना जाता है।
एटीएम कार्ड के अंतिम चार अंक से कार्ड की वैलिडिटी यानी उसकी वैधता का पता चलता है। इस प्रकार से एटीएम कार्ड का हर नंबर कुछ ना कुछ संकेत जरूर देता है।
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