यूपी में पेपर लीक का मामले में छात्रों का आक्रोश दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। बड़ी संख्या में छात्र इस मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सरकार ने इस पर जांच बैठा दिया है। परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थि इस परीक्षा को रद्द करने के लिए सरकार से आग्रह कर रहे हैं।
इस मामले में देरी होता देख छात्रों का गुस्सा फूट गया और शुक्रवार को लखनऊ के इको गार्डन में सैकड़ो छात्र जमा होकर इसके विरोध में प्रदर्शन करने लगे।
इस मामले में सरकार का कहना है कि जब तक जांच कमेटी अपना रिपोर्ट नहीं सौंपती है तब तक सरकार कोई भी एक्शन नहीं लेगी।
छात्र अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है और उन्हें लगता है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इस मामले में राजनीति भी खूब हो रही है।
पेपर लीक का मामला उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों में देखने को मिला। इससे स्पष्ट होता है कि पेपर लीक सिर्फ एक जगह से नहीं बल्कि कई जगह से हुआ है।
इस परीक्षा में भाग लेने के लिए 50 लाख से अधिक छात्रों ने आवेदन दिया था। फरवरी 17 और 18 को यह परीक्षा आयोजन किया गया था।
छात्रों का आरोप है कि किसी के पास परीक्षा से 2 घंटे पहले तो किसी के पास चार घंटे पहले पेपर व्हाट्सएप पर मिल चुके थे।
इस विषय पर आंतरिक जांच समिति का गठन किया गया है और अभ्यर्थियों से पेपर लीक के सबूत भी मांगे हैं। आंतरिक जांच समिति में यूपी पुलिस के अधिकारी इस घटना का जांच कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुलिस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले को गंभीरता से देख रही है। वे इसको लेकर काफी सख्त नजर आ रहे हैं।